Homeदेशरामचरित विवाद: जेडीयू और आरजेडी के बीच तनाव का फायदा उठाने के...

रामचरित विवाद: जेडीयू और आरजेडी के बीच तनाव का फायदा उठाने के लिए बीजेपी ने बिछायी बिसात

Published on

बीरेंद्र कुमार
बिहार में बीजेपी से अलग होकर जब नीतीश कुमार ने तेजस्वी के नेतृत्व वाली आरजेडी के साथ सरकार बनाते हुए मुख्यमंत्री का पद अपने ही पास रख लिया तब से ही आरजेडी और जेडीयू के बीच सह और मात का खेल अंदर ही अंदर चल रहा था। सुधाकर सिंह का ‘ चोरों का सरदार ‘और जगदानंद सिंह का नीतीश को तेजस्वी की सीएम बनाने के लिए दिया गया बयान इसकी गवाही देता है। लेकिन आरजेडी कोटा से नीतीश मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए बयान के बाद जेडीयू द्वारा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर दनादन शब्द प्रहार से महागठबंधन के दोनों प्रमुख घटक दल जेडीयू और आरजेडी के बीच की दरार काफी चौड़ी हो गई है और अगर स्थिति ऐसी रही तो इस खाई को पाटना भी कठिन हो जाएगा।

रामचरित मानस विवाद का लाभ उठा 2024 का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने बिछाया जाल

2024 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की तिकड़ी बनाने के लिए बिहार का आगामी लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया है। बीजेपी, बिहार की इस अहमियत को खूब अच्छी तरह से समझती है। और रामचरित मानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की विवादास्पद बयान के बाद आरजेडी के बड़े नेता की चुप्पी या घुमा- फिराकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की बातों का समर्थन करने और जेडीयू के नेता द्वारा रामचरित मानस पर शिक्षामंत्री के साथ ही इन पर करवाई नही करने की लेकर आरजेडी पर शब्द प्रहार से दोनो दलों के बीच बढ़ते मनमुटाव ने बीजेपी को बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर भी दे दिया है। जरूरत पड़ी तो एक माह में दो बार बिहार आऊंगा जैसी बात कहकर अमित शाह इस बात का संकेत भी दे रहे हैं। लगातार बिहार का दौरा के पीछे अमित शाह का चुनावी मकसद साफ दिखता है।

विपक्ष के नेताओं पर है नजर

बिहार की राजनीति को जीत की दिशा में ले जाने के लिए बीजेपी की नजर राजनीति के तीन विक्षुब्ध बादशाहों पर है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि बीजेपी एक साथ अभी उपेंद्र कुशवाहा, आरसीपी सिंह और मुकेश सहनी को साधने की दिशा पर काम कर रही है। ये तीनों कहीं न कहीं नीतीश कुमार से अपनी महत्वाकांक्षा के कारण नाराज हैं। बीजेपी के चिंतक इन तीनों से मुलाकात के जरिए गंठबंधन का स्वरूप तैयार कर रहे हैं ताकि ये जेडीयू और आरजेडी के वर्तमान गठबंधन की गांठ भी ढीला करे और समाज में बीजेपी की पकड़ की भी मजबूत करे। एनडीए में शामिल होने के लिए एक फार्मूला यह तैयार किया गया है कि पहले आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा एक पार्टी फॉर्म करें। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी है ही। ये तीनों पार्टी एनडीए का हिस्सा बन जाए और सीट शेयरिंग पर बात कर लें। या तीनों मिलकर एक पार्टी का गठन करें और एनडीए में शामिल होकर सीट शेयरिंग करें। इस मिशन से बीजेपी कुर्मी, कुशवाहा और मल्लाह वोट को एनडीए से जोड़कर नीतीश कुमार को उनकी ही फार्मूले से परास्त कर 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत का मार्ग प्रशस्त करने में भिड़ गई है।

पहले भी बदल चुके हैं पार्टी

आज की राजनीति की बात करें तो अब मूल्यों की तो कोई राजनीति हो नहीं रही है। आजकल अवसरवादी राजनीति हावी हो गई है। इसलिए कोई भी स्वार्थ बस इधर उधर जा सकता है। आज की राजनीति में न तो कोई स्थाई दोस्त है न स्थाई दुश्मन। जहां तक उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी की बात है। ये वे लोग हैं जो अब तक कई बार अपनी आस्था बदल चुके हैं। नीतीश कुमार से अलग हो कर एनसीपी में गए और फिर बाद में रालोसपा भी बनाई। यह मुकेश सहनी ही है, जो राजद के साथ राजनीति कर रहे थे। लेकिन मन मुताबिक सीट नहीं मिली तो राजद से एक घंटा में ही पल्ला छुड़ा लिए। बीजेपी अगर इन पर काम कर रही है, तो इनसे भाजपा को नीतीश कुमार के विरुद्ध एक मजबूत गठबंधन बनाने में कामयाबी मिलेगी। जहां तक आरसीपी सिंह की बात है तो वे अभी नीतीश कुमार के विरुद्ध राजनीति कर रहे हैं,और बीजेपी के करीब हैं। लेकिन असंभव कुछ भी नहीं। खुद नीतीश कुमार भी इतने दबाव में हैं कि कहीं वे भी अगर बीजेपी की तरफ चले आए तो कोई बड़ी बात नहीं

 

Latest articles

दिल्ली कार धमाके में 5 नए खुलासे, पाकिस्तान-तुर्की का सीधा कनेक्‍शन

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुए कार बम...

इन तीन इलाकों के चुनावी नतीजे तय करेंगे NDA का भविष्य

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण पूरी तरह सियासी जोश और रणनीति की...

आ गया ChatGPT 5.1, अब सोच-समझकर देगा सवालों के जवाब

OpenAI ने नए ChatGPT 5.1 को लॉन्च कर दिया है और कंपनी इसेरोलआउट करना...

ये 5 सिग्नल नजर आएं तो समझ लें सड़ने लगी है आपकी किडनी, तुरंत भागें डॉक्टर के पास

किडनी हमारे शरीर का वह हिस्सा हैं जो चुपचाप दिन-रात काम करते रहते हैं।ये...

More like this

दिल्ली कार धमाके में 5 नए खुलासे, पाकिस्तान-तुर्की का सीधा कनेक्‍शन

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुए कार बम...

इन तीन इलाकों के चुनावी नतीजे तय करेंगे NDA का भविष्य

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण पूरी तरह सियासी जोश और रणनीति की...

आ गया ChatGPT 5.1, अब सोच-समझकर देगा सवालों के जवाब

OpenAI ने नए ChatGPT 5.1 को लॉन्च कर दिया है और कंपनी इसेरोलआउट करना...