न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस ने आखिरकार मध्यप्रदेश से अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है। पहले इस बात की ज्यादा संभावना थी कि कांग्रेस कमलनाथ को राज्यसभा भेज सकती है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कई और तरह के कयास लगाये जा रहे थे। लेकिन अब कांग्रेस ने ग्वालियर -चम्बल संभाग के नेता अशोक सिंह पर कांग्रेस ने दाव लगाया है।
अशोक सिंह मध्यप्रदेश में पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और ये काफी संघर्षशील नेता भी हैं। ये तीन बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। अशोक सिंह दिग्विजय सिंह खेमे से आते हैं। चुकी ये कारोबारी है इसलिए इनके सरोकार सभी पार्टी के नेताओं से बी ही रहे हैं। क्षेत्र में इनकी काफी पहचान है और इनकी राजनीतिक जमीन भी काफी मजबूत है।
ग्वालियर से आने वाले अशोक सिंह यादव समाज से आते हैं। ऐसे में पार्टी ने यादव वर्ग से आने वाले नेता को राज्यसभा भेजकर इस वर्ग को साधने की कोशिश की है। क्योंकि भाजपा ने इसी वर्ग से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है। सिंह के नाम का एलान कर कांग्रेस ने एक तरह से चौंकाया है, क्योंकि उनका नाम दूर-दूर तक चर्चा में नहीं था। सिंह हर तरह के मैनजमेंट में माहिर माने जाते रहे हैं। पिछली बार भारत जोड़ो यात्रा जब मध्यप्रदेश आई, तब भी उसका मैनजमेंट अशोक सिंह ने ही संभाला था।
दरअसल, कांग्रेस के राजमणि पटेल का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। पटेल ओबीसी वर्ग से आते हैं। ऐसे में पार्टी ने इसी वर्ग से जुड़े दूसरे नेता को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। राजमणि पटेल विंध्य अंचल से आते थे, जबकि अशोक सिंह ग्वालियर-चंबल से आते हैं। ऐसे में पार्टी ने जातिगत समीकरणों के साथ-साथ क्षेत्रीय समीकरण भी साधे हैं। हालांकि आज सुबह तक कांग्रेस से मीनाक्षी नटराजन और कमलेश्वर पटेल के नाम की चर्चा भी चल रही थी, लेकिन पार्टी ने सबको दरकिनार करते हुए अशोक सिंह के नाम पर सहमति बनाई है।
अशोक सिंह ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की तरफ से चार बार उम्मीदवारी कर चुके हैं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सकी थी। 2007 के लोकसभा उपचुनाव मे पहली बार कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे अशोक सिंह को भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया ने 35 हजार वोट से हराया था। 2009 में दोबारा अशोक सिंह कांग्रेस से उम्मीदवार बने और यशोधरा राजे से महज 26 हजार वोट से हारे, वहीं 2014 की मोदी लहर में भी अशोक सिंह भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर से 29 हजार वोट से हार गए थे।