न्यूज डेस्क
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर सीधा हमला हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो चुका हैं।
Here is the full Video of Rahul Gandhi’s Lecture at @CambridgeMBA @CambridgeJBS
“The art of listening” when done consistently and diligently is “very powerful,” – @RahulGandhi https://t.co/4ETVo0X45f#BharatJodoYatra#RahulGandhiinCambridge pic.twitter.com/tDI4ONieG0
— Sam Pitroda (@sampitroda) March 3, 2023
मेरे फोन की जासूसी होती है: राहुल
राहुल ने कहा कि मेरे फोन की जासूसी होती है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर राजनीतिक नेताओं के फोन में पेगासस है। मेरे फोन में भी पेगासस था। मुझे इंटेलिजेंस अफसरों ने बुलाकर कहा था कि आप फोन पर जो कुछ भी कहें, बेहद सतर्क होकर कहें, क्योंकि हम इसे रिकॉर्ड कर रहे हैं। यह एक ऐसा दबाव है, जो हम महसूस करते हैं।
राहुल ने कहा कि विपक्षी नेताओं पर केस किये जा रहे हैं,अल्पसंख्यकों,आदिवासियों पर हमले हो रहे हैं।
भारत के मूल ढ़ांचे पर किया जा रहा हमला: राहुल
राहुल ने कहा कि लोकतंत्र के लिए जरूरी ढांचा संसद, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका होते हैं। आज यह सब विवश होते जा रहे हैं। इसलिए हम भारतीय लोकतंत्र के मूल ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं। भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का संघ बताया है। उस संघ को बातचीत की जरूरत है। यह वह बातचीत है जो खतरे में है। आप देख सकते हैं तस्वीर जो संसद भवन के सामने की है। विपक्ष के नेता कुछ मुद्दों पर बात कर रहे थे, और उन्हें जेल में डाल दिया गया। ऐसा 3 या 4 बार हुआ है। जो हिंसक था।
मोदी सरकार की इन नीतियों का किया समर्थन
राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी ने सही काम किया है,इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा, शायद महिलाओं को गैस सिलिंडर देना और लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाना अच्छा कदम है लेकिन मेरे विचार में मोदी भारत की बनावट को बर्बाद कर रहे हैं। वो भारत पर एक ऐसा विचार थोप रहे हैं जिसे भारत स्वीकार नहीं कर सकता। भारत राज्यों का संघ है। अगर कोई एक विचार थोपा जाएगा तो प्रतिक्रिया होगी। भारत में धार्मिक विविधता है। भारत में सिख, मुस्लिम, ईसाई सभी हैं लेकिन मोदी इन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं। जब बुनियादी स्तर पर असहमति हो तो फर्क नहीं पड़ता कि आप किन दो–तीन नीतियों से सहमत हैं।