न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लेने और संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन को संबोधित करने के लिए अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने कहा कि क्वाड हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने वाले समान विचारधारा के एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है। देर शाम अमेरिका के फिलाडेल्फिया पहुंचे पीएम मोदी ने शनिवार सुबह तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पहले कहा कि वह क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बेहद उत्साहित हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी नौवीं यात्रा के दौरान सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के गृहनगर विलमिंगटन में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन के इतर उनकी बाइडन के अलावा ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज व जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से भी मुलाकात होगी। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य सहयोगियों से मुलाकात का बेसब्री से इंतजार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन के साथ बैठक हमें अपने लोगों और दुनिया के हित में भारत अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नए रास्तों की समीक्षा और पहचान करने का मौका देगी।
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की समिट ऑफ द फ्यूचर का जिक्र भी किया,जिसे वह अपने दौरे के आखिरी चरण 23 सितंबर को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह समिट वैश्विक समुदाय को मानवता की बेहतरी के लिए आगे की राह तैयार करने का अवसर है। मैं मानवात के छठे हिस्से के विचारों को साझा करूंगा क्योंकि शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य में उनकी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलियन ने द्विपक्षीय बैठक से पूर्व अहम बयान में कहा कि भारत जैसे देशों को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतो के समर्थन के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने यह बात रूस यूक्रेन जंग के संदर्भ में कही,उन्होंने कहा कि हमारी राय में यूक्रेन के खिलाफ रूस की क्रूरता ने अंतराष्ट्रीय कानून के हर मानदंड हर सिद्धांत का उल्लंघन किया है।