बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर जन सुराज पार्टी के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को बड़ा एलान किया कि वह इस बार खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है और इससे उनका ध्यान संगठनात्मक काम से भटकने का खतरा नहीं रहेगा।किशोर ने राघोपुर सीट से अपने लिए चुनाव न लड़ने की पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी ने इस सीट पर एक और उम्मीदवार घोषित कर दिया है। उनका मानना है कि अगर वह चुनाव लड़ते तो संगठन के कार्य प्रभावित होते।
पीके ने अपनी पार्टी के चुनावी प्रदर्शन को लेकर भी साफ कहा कि अगर जन सुराज को 150 से अधिक सीटें नहीं मिलतीं हैं तो मैं इसे हार मानूंगा। 150 से कम, चाहे 120 या 130 ही क्यों न हों, मेरे लिए यह हार होगी।इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है तो बिहार को देश के 10 सबसे उन्नत राज्यों में शामिल कराने का जनादेश मिलेगा।
राजनीतिक रणनीतिकार की भूमिका निभाते हुए किशोर ने सत्ताधारी NDA की हार की भविष्यवाणी की।उन्होंने कहा कि गठबंधन में उम्मीदवार और सीटों को अंतिम रूप देने में विफलता के कारण नीतीश कुमार सत्ता में नहीं लौटेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि JDU और BJP के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति पूरी तरह अराजक है और पार्टी अभी तक स्पष्ट नहीं कर पाई कि कहां से लड़ेगी। उन्होंने पिछली विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि चिराग पासवान की बगावत के कारण JDU की स्थिति कमजोर हुई थी और NDA की स्थिति अभी भी अस्थिर है।
प्रशांत किशोर ने केवल NDA पर ही नहीं, बल्कि इंडिया ब्लॉक और महागठबंधन के भीतर चल रहे विवाद पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच विवाद अभी भी जारी है और वीआईपी के संबंध में भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।