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229 सालों तक खत्म नहीं होगी गरीबी,लेकिन 10 साल से भी कम समय में दुनिया को मिल जाएगा पहला खरबपति -ऑक्सफैम रिपोर्ट

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न्यूज डेस्क
देश दुनिया में गरीबी हटाने के लगातार प्रयास किये जाते रहे हैं। दुनियाभर में सरकारों के तमाम प्रयासों के बावजूद गरीबी समाप्त नहीं हो रही है। पिछले 3 साल में तो गरीब और बढ़े हैं जबकि अमीरों की दौलत दोगुना हो गई है। ऑक्सफैम रिपोर्ट ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। ऐसे में गरीबों और अमीरों के बीच आर्थिक असमानता की खाई बढ़ती जा रही है।

अगले एक दशक में दुनिया को मिल जाएगा पहला खरबपति

ऑक्सफेम इंटरनेशनल ने अपनी नई रिपोर्ट में आगाह किया है कि यदि मौजूदा रुझान जारी रहते हैं तो दुनिया में व्याप्त गरीबी अगले 229 वर्षों में भी खत्म नहीं होगी, हालांकि सिर्फ एक दशक में ही दुनिया को अपना पहला खरबपति जरूर मिल जाएगा।

मात्र तीन साल में ही दुनिया के पांच सबसे बड़े धनकुबेरों की संपत्ति में 114 फीसदी वृद्धि

अमीर-गरीब के बीच की असमानता की खाई कितनी गहरी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दुनिया के पांच सबसे बड़े धनकुबेरों की संपत्ति में 2020 से 114 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस दौरान उनकी कुल संपत्ति 40,500 करोड़ डॉलर से बढ़कर 86,900 करोड़ डॉलर हो गई। मतलब की इनकी सम्पत्ति में हर घंटे 1.4 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ। वहीं दूसरी तरफ इस दौरान 500 करोड़ लोगों की संपत्ति में गिरावट आई है और गरीबों की संख्या बढ़ी है।

वैश्चिक मंदी के बावजूद इन धन कुबेरों की संपत्ति में अप्रत्याशित बढ़ौत्तरी

गौरतलब है कि यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात अच्छे नहीं हैं। साथ ही कोरोना महामारी से भी दुनिया प्रभावित रही है। रिपोर्ट में दुनियाभर में बढ़ रही आर्थिक असमानता को लेकर गहरी चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार जिन धन कुबेरों की संपत्ति तेजी से बढ़ी है, उनमें अमेजन के चीफ जेफ बेजोस, एलवीएमएच के चीफ बर्नार्ड अर्नोल्ट, निवेशक वारेन बफे, ओरेकल के सह-संस्थापक लैरी एलिसन और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का नाम शामिल है। अकेले जेफ बेजोस की कुल संपत्ति जो 16,740 करोड़ डॉलर है, उसमें दशक की शुरूआत से करीब 3,270 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ है।

इन धनकुबेरों की संपत्ति से प्रतिदिन दस लाख डॉलर खर्च करने पर भी 476 साल तक खजाना नहीं होगा खाली

ये पांच धनकुबेर कितने धनवान हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनमें से यदि हर कोई प्रतिदिन दस लाख डॉलर भी खर्च करे तो उनकी कुल संपत्ति को खर्च करने में 476 साल लगेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े निगमों में से सात का नेतृत्व एक ऐसे सीईओ द्वारा किया जाता है जो अरबपति है या फिर उनका मुख्य शेयरधारक एक अरबपति है। यह कहीं न कहीं यह इस बात को स्पष्ट करता है कि इन निगमों पर यह धनकुबेर काबिज हैं।

52 देशों में 80 करोड़ श्रमिकों की मजदूरी में आयी गिरावट: रिपोर्ट

रिपोर्ट में दावा किया गया कि 52 देशों में, लगभग 80 करोड़ श्रमिकों की औसत वास्तविक मजदूरी में गिरावट आई है। इन श्रमिकों को पिछले 2 वर्षों में संयुक्त रूप से 1.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। ऑक्सफैम ने कहा कि लेटेस्ट Gini Index, जो असमानता को मापता है, इससे पता चला है कि वैश्विक आय असमानता के मामले में दक्षिण अफ्रीका दुनिया में सबसे अधिक आर्थिक असमानता वाला देश है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि अमीर-गरीब की यह खाई देशों के बीच भी मौजूद है। उदाहरण के लिए उत्तर के देशों में दुनिया की केवल 21 फीसदी आबादी रहती है, जबकि दुनिया का 69 फीसदी पैसा इन्हीं देशों में है। इसी तरह दुनिया के 74 फीसदी अरबपतियों की संपत्ति इन्हीं देशों में है।

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