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खस्ताहाल पकिस्तान में अब पुलिस और सेना आमने सामने ,बड़ी संख्या में पुलिस इस्तीफा देने को तैयार

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न्यूज़ डेस्क
खस्ताहाल पकिस्तान इन दिनों गृहयुद्ध के कगार पर पहुँच गया है। एक तरफ पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और दुनिया के सामने वह कर्ज के लिए हाथ पसार रहा है तो दूसरी तरफ सेना और पुलिस के बीच भिड़ंत की खबरे भी आ रही है। पेशावर में पिछले दिनों हुए आतंकी हमले के बाद सेना के खिलाफ पुलिस खड़ी हो गई है। आतंकी हमले के लिए पुलिस सेना को जिम्मेदार मान रही है। बता दे कि इस आतंकी हमले में सौ से ज्यादा पुलिस के मारे जाने की खबर है।

हालत इतनी ख़राब हो गई कि पख्तूनख्वा प्रान्त की पुलिस आतंकी हमले के लिए ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार मान रही है और उसके खिआफ़ मोर्चा भी खोल दिया है। खैबर पुलिस ने आईएसआई के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत कर दी हैं और गुनहगारों को सजा देने की मांग कर रही है।

खैबर पख्तूनख्वा में ऐसा पहली बार हुआ है, जब वर्दी पहने और हथियार लिए दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी पेशावर प्रेस क्लब के बाहर जमा हुए और प्रदर्शन किया। ऐसा प्रदर्शन खैबर के कई जिलों में हुआ।

दरअसल, पेशावर पुलिस हेडक्वार्टर में स्थित मस्जिद पर हुए धमाके में 100 से अधिक पुलिस वालों की जान चली गई थी। हमले के पीछे ISI का हाथ बताया जा रहा है। इसी के बाद गुस्साए पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन किया। इस बीच, पाकिस्तान सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है।

इधर ,प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हिंसा के लिए इमरान शासन पर दोष मढ़ा और प्रधानमंत्री रहते तालिबानी आतंकियों की मदद करने और उनसे बातचीत का आरोप लगाया है। वहीं इमरान खान ने आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद के नाम पर आम चुनाव टालना चाहती है। मानवाधिकार संगठनों के बाद सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने हमले के लिए पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल फैज हामिद को जिम्मेदार ठहराया। उधर ,मरियम नवाज ने हमले के लिए पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल फैज हामिद को जिम्मेदार ठहराया। उन्होने कहा- जनरल हामिद को इमरान आंख, हाथ और कान कहते थे। तब उन्होंने आतंकियों (अफगानिस्तान से) के लिए दरवाजे क्यों खोले? कट्‌टर आतंकियों को रिहा क्यों किया?

उधर जो खबर आ रही है उसके मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा पुलिस का मेमो सार्वजनिक हुआ है। इसमें कहा गया है कि यदि मस्जिद पर हमले की सही तरीके से जांच नहीं की गई और दोषियों को सजा नहीं दी गई तो 300 से अधिक सीनियर पुलिस अधिकारी इस्तीफा दे देंगे। इनके साथ जूनियर रैंक के 1 लाख जवानों ने भी इस्तीफा देने की धमकी दी है।

खैबर पख्तूनख्वा पुलिस को आत्मघाती हमले को लेकर बड़ी जानकारी हाथ लगी है। पुलिस प्रमुख ने बताया कि हमलावर पुलिस की वर्दी में घुसा था। हमले में 10 से 12 किलो TNT इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

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