न्यूज़ डेस्क
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को कर्नाटक दौरे पर जा रहे हैं। वहां वे भारत उर्जा सप्ताह का उद्घाटन करेंगे। एक बयान के अनुसार, वह ‘ग्रीन मोबिलिटी रैली’ समेत कई अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। वह रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए तुमकुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की एक हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का उद्घाटन भी करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि 615 एकड़ में फैली ‘ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर फैक्ट्री’ को देश की हेलीकॉप्टर संबंधी सभी जरूरतों के लिए एक ही जगह समाधान उपलब्ध कराने के इरादे से बनाया गया है।
कहा गया है कि यह भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण फैक्ट्री है और शुरुआत में यह ‘लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर’ बनाएगी। एचएएल की 20 साल में 3-15 टन में 1,000 से अधिक हेलीकॉप्टर बनाने की योजना है। इस फैक्ट्री के उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। मोदी तुमकुरु औद्योगिक शहर और तुमकुरु में दो जल जीवन मिशन परियोजनाओं की भी नींव रखेंगे। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री इंडियन ऑयल की ‘‘अनबॉटल्ड’’ पहल के तहत यूनीफॉर्म की भी शुरुआत करेंगे और प्रत्येक यूनीफॉर्म प्लास्टिक की करीब 28 बोतलों को फिर से इस्तेमाल में लाकर बनायी गयी है। वह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की इंडोर सौर कूकिंग प्रणाली के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का भी अनावरण करेंगे। यह एक ‘‘क्रांतिकारी’’ कूकिंग सोल्यूशन है जो सौर तथा सहायक ऊर्जा स्रोतों दोनों पर काम करता है।
एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को बंद करने की मोदी की दूरदर्शिता को साकार करने के लिए इंडियन ऑयल ने पुन: चक्रित पॉलिस्टर और सूती कपड़े से बनी यूनीफॉर्म अपनायी है। बयान में कहा गया है कि ‘भारत ऊर्जा सप्ताह’ (आईईडब्ल्यू) छह से आठ फरवरी तक बेंगलुरु में होगा। यह पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा उद्योग के नेताओं, सरकारों तथा विद्वानों को एक साथ लेकर आएगा ताकि ऊर्जा परिवर्तन के लिए जिम्मेदार अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की जा सके।
इसमें दुनियाभर के 30 से अधिक मंत्री भाग लेंगे। मोदी का वैश्विक तेल और गैस कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ गोलमेज वार्ता करने का भी कार्यक्रम है। वह हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी कई पहलों की शुरुआत करेंगे। बयान के मुताबिक, एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम ऊर्जा के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के लिए सरकार की प्रमुख पहल है।
इसमें कहा गया है कि सरकार के सतत प्रयासों के कारण 2013-14 के बाद से एथेनॉल उत्पादन क्षमता छह गुना बढ़ गयी है। सरकार का 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य है और तेल विपणन कंपनियां 2जी-3जी एथेनॉल संयंत्र स्थापित कर रही हैं जिससे इस पहल में मदद मिलेगी।