न्यूज़ डेस्क
आज शंघाई सहयोग समिति की बैठक होने जा रही है। पीएम मोदी इस बैठक की पहली बार मेजबानी कर रहे हैं। इस बैठक में कई मुद्दों पर बात होनी है। बैठक में संगठन से जुड़े सभी राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे। खबर के मुताबिक रुसी राष्ट्रपति पुतिन ,चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और पाकिस्तान के राष्ट्रपति शाहबाज भी हस्सा लेंगे। यह बैठक वर्चुअल माध्यम से होनी है।
बता दें कि ये पहली बार है जब भारत एससीओ शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। पिछले सप्ताह निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ विद्रोह की घटना के बाद किसी बहुपक्षीय मंच पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह पहली भागीदारी होगी। ‘वैग्नर ग्रुप’ का विद्रोह हालांकि अल्पकालिक रहा था। इस बैठक में सभी नेता क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और व्यापार जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। वहीं, अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग, संपर्क और व्यापार बढ़ाने पर भी चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है।
बता दें एससीओ-Secure की भारत की अध्यक्षता का विषय 2018 एससीओ क़िंगदाओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा गढ़े गए संक्षिप्त नाम से लिया गया है। जिसका अर्थ है S-सुरक्षा, E-आर्थिक विकास, C-कनेक्टिविटी, U-एकता, R-संप्रभुता, E-पर्यावरण संरक्षण।
बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि एससीओ की शिखर बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और समूह के सदस्यों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की जा सकती है। यह शिखर बैठक पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध जारी रहने के तीन वर्ष पूरे होने तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल में हुई अमेरिका की यात्रा की पृष्ठभूमि में हो रही है।
बता दें कि भारत पहली बार एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इससे पहले भारत ने इसी साल मई में गोवा में हुए दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मेजबानी भी की थी। इस सम्मेलन में चीन, रूस और पाकिस्तान के अलावा भारत ने अन्य एससीओ सदस्य देशों कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को भी आमंत्रित किया है।
इसके साथ ही ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को एससीओ परिषद की 23वीं बैठक में पर्यवेक्षक देशों के रूप में आमंत्रित किया है। एससीओ परंपरा के मुताबिक तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। दो एससीओ निकायों- सचिवालय और एससीओ आरएटीएस- के प्रमुख भी इस शिखर सम्मेलन में मौजूद रहेंगे।