प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 21 सितंबर को तीन दिनों के अमेरिकी यात्रा पर जाने वाले हैं। इस दौरान वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से उनके गृहनगर डेलावेयर के विमिंगगटन में मिलेंगे। वही डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उनके साथ भी मुलाकात होने वाली है।हालांकि विदेश मंत्रालय की तरफ से ट्रंप के साथ मुलाकात पर न तो कोई ठोस जवाब दिया गया है और न ही दोनों नेताओं की मुलाकात को खारिज ही किया गया है। पीएम मोदी की इस बार की अमेरिकी यात्रा में यूक्रेन और रूस के युद्ध का मुद्दा भी शामिल होगा। हाल ही में पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्कि⁶⁶ by से इस संबंध में बात की थी।
युद्ध विराम के प्रयासों के बीच पीएम मोदी जो बाइडेन के साथ रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने को लेकर बड़ी बात साझा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा हिंद- प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के वास्ते सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीका पर चर्चा और ग्लोबल साउथ की चिताओं को दूर करने पर केंद्रित होगी।पीएम मोदी डेलावेयर के विमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित करेंगे। प्रद्योगिकी क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तथा कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले डेलावेयर के विमिंगटन पहुंचेंगे जहां वह 21 सितंबर को क्वॉड शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीजऔरजापानसहोंडग द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।क्वशिखर सम्मेलन में गाजा पट्टी और यूक्रेन के संघर्षों पर विचार विमर्श के अलावा हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर भी lचर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कई नए पहल करने की घोषणाएं की जाएगी। क्वाड नेता कैंसर का रोगियों पर प्रभाव, इस बीमारी को रोकने पता लगाने, उपचार करने और उसे कम करने के लिए एक नई महत्वाकांक्षी योजना शुरू करेंगे।मिस्त्री ने कहा कि क्वार्टज शिखर सम्मेलन में हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति प्रगति और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि सभी नेता स्वास्थ्य, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, प्रौद्योगिकियों,बुनियादी ढांचे कनेक्टिविटी, आतंकवाद विरोधी और मानवीय सहायता पर चर्चा करेंगे ।
मिस्त्री ने यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में शांति निर्माता के रूप में भारत की संभावित भूमिका के बारे में पूछे गए एक सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि नई दिल्ली इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण साझेदारों और नेताओं के साथ कई बातचीत में शामिल है। उन्होंने कहा कि यह बातचीत अभी प्रगति पर है और हम आपको सही समय पर इस बातचीत के परिणाम के बारे में जानकारी देंगे।