बिहार के मुजफ्फरपुर में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी ने पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपों पर भारत की कार्रवाई तत्काल रोक दी थी और यह सब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर हुआ था।
राहुल गांधी ने ट्रंप की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप ने कहा कि जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था तो मैंने नरेंद्र मोदी को फोन किया और कहा कि जो भी कर रहे हो, उसे 24 घंटे के भीतर बंद करो।नरेंद्र मोदी ने 24 घंटे नहीं, बल्कि 5 घंटे में सब रोक दिया।
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में फिर दोहराया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान हस्तक्षेप किया था और परमाणु युद्ध को रोकने में भूमिका निभाई।ट्रंप का कहना है कि उन्होंने व्यापार और टैरिफ की धमकी देकर मोदी को सीजफायर मानने के लिए मजबूर किया। उन्होंने व्हाइट हाउस की एक बैठक में दावा किया कि मैंने मोदी और पाकिस्तान से बात की और कहा कि अगर तुमने युद्ध नहीं रोका तो हम कोई व्यापार समझौता नहीं करेंगे और हाई टैरिफ लगा देंगे।पांच घंटे में सब रुक गया।ट्रंप ने यह दावा 40 से अधिक बार किया है
डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी को ‘एक बेहतरीन इंसान’ बताते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह विवाद ‘सैकड़ों सालों से अलग-अलग नामों से चलता आ रहा है।उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके हस्तक्षेप के बाद इस्लामाबाद को पीछे हटना पड़ा। ट्रंप ने कहा कि मैंने पाकिस्तान से कहा कि हम कोई व्यापार सौदा नहीं करेंगे, तुम्हारे ऊपर इतने ऊंचे टैरिफ लगा देंगे कि तुम समझ भी नहीं पाओगे। तुम परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहे हो और यह नहीं होने दिया जा सकता और नतीजा यह हुआ कि पांच घंटे के भीतर मामला थम गया।
ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान का विवाद बहुत पुराना है।हालांकि उन्होंने कहा कि यह विवाद सैकड़ों सालों’ से चल रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि भारत और पाकिस्तान 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र होने के बाद दो अलग-अलग राष्ट्र बने। उससे पहले दोनों एक ही देश थे।
भारत ने लगातार ट्रंप के इन दावों को खारिज किया है।भारत का कहना है कि पाकिस्तान के साथ गोलीबारी और संघर्ष विराम का समझौता दोनों देशों की सेनाओं के महानिदेशक (DGsMO) स्तर की सीधी बातचीत के बाद हुआ था।
पीएम नरेंद्र मोदी संसद में पहले ही साफ कर चुके हैं कि किसी भी देश का नेता भारत को यह नहीं बता सकता कि कब अपनी सैन्य कार्रवाई रोकनी है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने का निर्णय भारत ने अपने हिसाब से लिया, किसी बाहरी दबाव में नहीं।