प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तीन देशों के दौरे पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री के इस दौरे की शुरुआत साइप्रस से हो रही है।सबसे पहले पीएम मोदी साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंचेंगे।साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स ने पीएम मोदी को इस दौरे के लिए खास निमंत्रण दिया था।गौरतलब है कि यह 23 साल में पहली बार है जब भारतीय प्रधानमंत्री साइप्रस दौरे पर गए हैं। पीएम मोदी की इस यात्रा को तुर्की को एक कड़ा संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है।
साइप्रस का आरोप है कि साल 1974 से तुर्की साइप्रस के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा किए हुए है, जिस कारण दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं।वहीं, भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और पाकिस्तान को अटैक ड्रोन भी उपलब्ध कराया था। इसके साथ ही तुर्की ने कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान के समर्थन में बयान भी दिया था।
साइप्रस ने तनाव के समय खुलकर भारत का समर्थन किया था। साथ ही पहलगाम में हुए हमले को लेकर दुख प्रकट किया था। साइप्रस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि वह पाकिस्तान द्वारा की जा रही सीमा पार आतंकवाद की बात को यूरोपीय संघ (EU) में उठाएगा।
पिछले 40 वर्षों में केवल दो बार भारतीय प्रधानमंत्री साइप्रस गए हैं।पहली बार इंदिरा गांधी 1982 में साइप्रस दौरे पर गई थीं।इसके बाद 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी साइप्रस गए थे।
जानकारी के मुताबिक, साइप्रस उस एनर्जी कॉरिडोर (ऊर्जा गलियारे) का हिस्सा है जो कि भविष्य में भारत को यूरोप से जोड़ेगा और इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) के जरिए पूर्व और पश्चिम को जोड़ने में मदद करेगा।