इस समय संसद की शीतकालीन सत्र में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। भिन्न-भिन्न राजनीतिक दलों की संसद अपनी-अपनी पार्टी के समर्थन में संविधान की व्याख्या कर रहे हैं। इसी सिलसिले में आज सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद में संविधान पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि किसी पर व्यक्तिगत आक्षेप नहीं करने के निर्णय को बार-बार संसद में दोहराया, लेकिन कांग्रेस को लपेटे में लेने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी ।साथ ही इस अवसर पर उन्होंने 11 संकल्प भी लिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संविधान पर चर्चा से पूर्व सदन के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी संविधान को लेकर सदन में चर्चा की। आईए जानते हैं संसद में प्रधानमंत्री मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के व्यक्त किए गए विचार संक्षेप में।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित है:-
पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू का अपना संविधान चलता था।
पीएम मोदी ने राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने वोट बैंक के लिए संविधान की भावना की बलि चढ़ा दी ।
पीएम मोदी ने कहा अटल जी ने सत्ता के लिए सौदेबाजी का नहीं, संविधान का रास्ता चुना ।
पीएम मोदी बोले कि आपातकाल में इंदिरा गांधी ने देश को जेलखाना बनाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के माथे का पाप कभी धूलने वाला नहीं क्योंकि
कांग्रेस के मुंह अपने लाभ के लिए संविधान संशोधन का खून लग गया है।
उन्होंने कहा कि 6 दशक में कांग्रेस ने 75 बार संविधान बदला।
उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र की जननी है।
75 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने इसे उत्सव का क्षण बताते हुए कहा कि हमने वन नेशन वन ग्रिड की व्यवस्था की है।
कर्तव्यों को विकाश का रास्ता बताते हुए पीएम मोदी ने निम्न बातें कही:-
. चाहे नागरिक हो या सरकार हो सभी अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे
– हर क्षेत्र हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ, सबका विकास हो।
– भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता ना हो।
– देश के कानून, नियम, परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों में गर्व का भाव हो।
– गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।
– देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।
– संविधान का सम्मान हो, राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाय।
– संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए, जिनको आरक्षण मिल रहा है वो न छीना जाए, धर्म के आधार पर आरक्षण की कोशिश पर रोक लगे।
– महिलाओं के नेतृत्व में विकास के मामले में भारत दुनिया में मिसाल बने।
– राज्य के विकास से, राष्ट्र का विकास, ये विकास का पैमाना होना चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने निम्न बातें कही:-
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पंजा दिखाकर कहा कि यह अभय मुद्रा है। आत्मविश्वास, शक्ति और निडरता कौशल के माध्यम से, अंगूठे के माध्यम से आते हैं।
जिस तरह से द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काट दिया था,उस तरह से ही मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश का अंगूठा काटने में व्यस्त हैं।
जब आप भारत के बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रक्षा उद्योग को अदाणी को सौंपते हैं, तो आप भारत के उन सभी निष्पक्ष व्यापारियों के अंगूठे काट देते हैं जो ईमानदारी से काम करते हैं।
भारत की सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है।
अब देश में कोई सामाजिक और कोई आर्थिक समानता नहीं रही।
कांग्रेस का अगला कदम जाति जनगणना करना और आरक्षण के 50 % का सीलिंग समाप्त कर भारत में एक नए तरह का विकास करना होगा।
राहुल गांधी ने इसे रोक लेने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को चुनौती भी दे डाली है।