बीरेंद्र कुमार झा
पेंटागन की रिपोर्ट में चीन की परमाणु शक्ति को लेकर बड़ा दावा किया गया है।इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास इस समय कम से कम 500 परमाणु हथियार हैं। वहीं 2030 तक इसकी संख्या बढ़कर 1000 हो सकती है।इससे पहले पेंटागन ने 2021 में रिपोर्ट जारी की थी और कहा था कि चीन ने 400 परमाणु हथियार जुटा लिए हैं।इसमें कहा गया है कि चीन ने 2022 में तीन भूमिगत फील्ड्स बनाए हैं और इसमें 300 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल रखी गई है ।इसके अलावा चीन ऐसी मिसाइल डेवलप कर रहा जिसका रेंज अमरीका तक ही सकता है
दूसरे देशों में भी बढ़ा रहा सैन्य ताकत
पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार चीन दूसरे देशों में भी अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में लगा है।वह लगातार सेना के बेस बनाते चला जा रहा है,हालांकि अभी भी उसके बेस अमेरिका के मुकाबले बहुत कम है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने लॉजिस्टिक फैसिलिटी के लिए म्यांमार, थाईलैंड ,यूएई, केन्या,नाइजीरिया, नामीबिया ,मोजांबिक, बांग्लादेश ,पापुआ न्यू गिनी,3 सोलोमन आयरलैंड और in ताजिकिस्तान में बेस बनाए हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी नेवी
चीन की नौसेना दुनिया के सबसे बड़ी नेवी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास 370 जहाज और सबमरीन है ।बीते साल इसकी संख्या 340 थी यानी 1 साल में ही इसने 30 युद्धपोत बढ़ा, लिए। 2030 तक चीन का प्लान है युद्धपोतों की संख्या बढ़ाकर 435 तक पहुंचा दे। गौरतलब है कि चीन हमेशा ही अमेरिका के साथ सैन्य वार्ता का विरोध करता रहा है। उसने अमेरिका से कभी मदद नहीं मांगी है ,लेकिन इस बार सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए उसने अमेरिका की मदद ली है।
भारत के लिए कितनी बड़ी चुनौती
चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के साथ ही हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।भारत की सीमा के आसपास भी वह तेजी से निर्माण कर रहा है, ऐसे में चीन की सैन्य ताकत में इस तरह की बढ़ोतरी भारत के लिए भी चिंता का विषय है। भारत की नौसेना के पास चीन के लगभग आधे ही जंगी जहाज और सबमरीन है। हालांकि थल सेना के मामले में भारतीय सेना बहुत ही.मजबूत है गलवान घाटी हो या अरुणाचल प्रदेश, चीन ने जब भी हरकत की है तो इधर से उसे माकुल जवाब दिया गया है ।