मुंबई: लगभग 101 दिन जेल में बिताने के बाद मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को शिवसेना (यूटी) के सांसद संजय राउत को जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय ने पात्रा चॉल भूमि मामले में राउत को जुलाई के अंत में गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी राउत की पत्नी, करीबियों समेत कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
#UPDATE | Patra Chawl land scam case: Mumbai’s PMLA court grants bail to Shiv Sena leader & MP Sanjay Raut https://t.co/upyL10h3pR
— ANI (@ANI) November 9, 2022
ईडी ने 1 अगस्त को किया था राउत को गिरफ्तार
ईडी ने 1 अगस्त को राउत को गिरफ्तार किया था। ईडी ने 31 जुलाई को राउत पर छापा मारा और अगले दिन गोरेगांव के पात्रा चॉल पुनर्विकास मामले से संबंधित एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने बुधवार को फैसला सुनाया। मुंबई के उत्तरी उपनगरीय इलाके में पात्रा चॉल प्रोजेक्ट के मामले में ईडी जांच कर रही है। जांच के दौरान उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
क्या है पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्यसभा सदस्य राउत को इस साल जुलाई में उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था। राउत फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। राउत ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उनके खिलाफ मामला सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।
600 परिवार रहते हैं पात्रा चॉल में
गौरतलब है कि पात्रा चॉल करीब 47 एकड़ में फैला हुआ है और यहां 600 से अधिक परिवार किराये पर रहते है। साल 2008 में पात्रा चॉल के पुनर्विकास को लेकर महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने हाउसिंग डेवलपमेंटर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी को अनुबंधन सौंपा था।