नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर यानी कल से शुरू हो रहा है। संसद सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सभी पार्टी के नेताओं ने शिरकत की। इस दौरान सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे, भारत- चीन सीमा के हालात, कश्मीरी पंडितों के ऊपर हो रहे हमलों, संघीय ढांचे,और संवैधानिक संस्थानों के दुरुपयोग सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से सदन में चर्चा कराने की मांग की।
विपक्ष ने सरकार द्वारा लाये जा रहे विधेयकों पर चर्चा का पर्याप्त समय देने की मांग की
विपक्षी दलों ने सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयकों पर भी चर्चा का पर्याप्त समय देने की मांग की। मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में 47 राजनीतिक दलों में से 31 राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सरकार को भारत-चीन सीमा के वास्तविक हालात की जानकारी सदन को देनी चाहिए। उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई को देश के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बताया।
अकाली दल ने पंजाब में बढ़ रहे नशे और किसानों का मुद्दा उठाया
सर्वदलीय बैठक में अकाली दल ने पंजाब में बढ़ रहे नशे और किसानों का मुद्दा उठाया। बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण और कोलेजियम का मुद्दा उठाया। तृणमूल कांग्रेस ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और राज्यों की आर्थिक समस्याओं का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष को अहम मुद्दे उठाने देने की अनुमति देने की मांग की।
सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार: प्रल्हाद जोशी
सरकार की तरफ से बोलते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। नियमानुसार होने और स्पीकर की अनुमति मिलने पर सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। बैठक में राजनीतिक दलों की तरफ से कई सुझाव आए हैं जिनपर बीएससी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।