विकास कुमार
अपनी अदाकारी और खास अंदाज के लिए मशहूर पंकज त्रिपाठी जितने सफल कलाकार हैं उससे कहीं ज्यादा संवेदनशील इंसान हैं। पंकज त्रिपाठी ने पहले अपने गांव के स्कूल को गोद लेकर इसका जीर्णोद्धार कराया,अब अपने पिता की याद में स्कूल को लाइब्रेरी का उपहार भी दिया है। इस लाइब्रेरी में कहानी की किताबें, प्रेरणादायक किताबें के साथ सिलेबस से जुड़ी किताबों को भी रखा गया है। लाइब्रेरी के उद्घाटन के लिए पंकज त्रिपाठी स्कूल भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने बच्चों से बात की और उन्हें खूब कहानियां पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बच्चों के अंदर पढ़ने की रुचि जगे ऐसी किताबें लाइब्रेरी में रखी गई हैं।
अभिनेता पंकज त्रिपाठी आज बॉलीवुड का एक जाना माना नाम है। जिस स्कूल से पढ़ कर देश दुनिया में उन्होंने नाम रोशन किया है उस स्कूल से उनकी पुरानी याद जुड़ी हुई है। पंकज ने स्कूल को गोद लेकर इसका जीर्णोद्धार कराया। पिता के श्राद्ध कर्म के बाद उनकी याद में स्कूल को लाइब्रेरी का उपहार दिया। पंकज त्रिपाठी अपने गांव के स्कूल में हर व्यवस्था बेहतर चाहते हैं और इसके लिए हमेशा प्रयास करते रहते हैं। अमूमन लोग सफल होने के बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखते हैं लेकिन पंकज त्रिपाठी अपने गांव की माटी से अभी भी प्रेम करते हैं और जब भी मौका मिलता है अपने गांव और इलाके के विकास के लिए कुछ ना कुछ जरूर करते हैं।