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सीमांचल में ओवैसी का नया पैंतरा, सेकुलर नैरेटिव को चुनौती देने की रणनीति में जुटा NDA

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एनडीए सीमांचल में सेकुलर नैरेटिव को चुनौती देने की रणनीति में जुटा हुआ है। आंकड़ों के लिहाज से बीते विधानसभा चुनाव 2020 में सीमांचल में बीजेपी-जेडीयू को बढ़त है।इस बढ़त के दम पर एनडीए इस इलाके में महागठबंधन की सेकुलर राजनीति को पंक्चर करने की जुगत में है। ओवैसी की पार्टी को छोड़ दें तो इस इलाके में आरजेडी एक सीट पर जीत सका था।आंकड़ों के साथ नैरेटिव का कोई मेल नहीं होने का प्रचार कर एनडीए इस इलाके में उतरेगा।सीमांचल में किशनगंज को छोड़कर अररिया, कटिहार, पूर्णिया और सुपौल जिले में जेडीयू और बीजेपी की जबरदस्त पकड़ है।

एआईएमआईएम की प्रदेश इकाई ने आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र भेजा है।इसमें सेकुलर वोटों का बिखराव रोकने के लिए एआईएमआईएम को भी महागठबंधन में शामिल करने के लिए पेशकश की गयी है।प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान ने पत्र में कहा है कि उनकी पार्टी ने लोकसभा और बीते विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही पेशकश की थी।महागठबंधन खासकर आरजेडी इसे पैंतरा मान रहा है। आरजेडी का आरोप है कि ओवैसी के इस पैंतरे के पीछे भी कोई दूसरी शक्ति खड़ी है। ओवैसी का दांव चित भी मेरी और पट भी मेरी वाले फार्मूले से महागठबंधन दल देख रहे हैं।अगर एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल किया जाता है तो एनडीए को हमलावार होने का नया मुद्दा मिल जायेगा।जबकि शामिल नहीं करने पर एआईएमआईएम के नेता कहते फिरेंगे कि वे एक साथ लड़ना चाहते थे, मगर उनको शामिल नहीं किया गया

ओवैसी के दांव पर आरजेडी व कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है।दोनों पार्टियों के प्रवक्ताओं ने विभिन्न मोर्चा पर कह दिया है कि अगर वे वास्तव में सेकुलर वोटों का बिखराव नहीं चाहते हैं तो, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का रास्ता अख्तियार करें।अखिलेश यादव ने सेकुलर वोटों के बिखराव को रोकने के लिए बीते लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपने दल से उम्मीदवार नहीं उतारे थे।ऐसा ही करने की सलाह ओवैसी की पार्टी को भी महागठबंधन के नेता दे रहे हैं।

ओवैसी की पार्टी की ताकत को आरजेडी ने पहले ही कम कर दिया है। आरजेडी ने एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायकों को अपने पाले में कर लिया है।आगामी विधानसभा चुनाव में इसका असर पड़ने की संभावना बतायी जा रही है। आरजेडी के पक्ष में इसे देखा जा रहा है।

बीते विधानसभा चुनाव में सीमांचल की बहादुरगंज, कोचाधामन में एमआईएमआईएम, और किशनगंज में कांग्रेस की जीत हुई थी। अररिया की नरपतगंज, सिकटी, फारबिसगंज में बीजेपी, रानीगंज सुरक्षित सीट से जेडीयू, अररिया में कांग्रेस और जोकीहाट में एआईएमआईएम ने जीत हासिल की थी।धमदाहा, रूपौली में जेडीयू, पूर्णिया, वनमनखी में बीजेपी, कसबा में कांग्रेस, अमौर व बायसी में एआईएमआईएम. कोढ़ा, प्राणपुर व कटिहार में बीजेपी, कदवा व मनिहारी में कांग्रेस ने चुनाव जीता था. बलरामपुर में भाकपा माले, बरारी में जेडीयू की जीत हुई थी।छातापुर में बीजेपी, निर्मली, त्रिवेणीगंज व सुपौल में जदयू और ठाकुरगंज में राजद की जीत हुई थी।

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