विकास कुमार
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक पर बीजेपी और उसके सहयोगी दल हमलावर हैं। एक ओर जहां विपक्ष का दावा है कि वह बीजेपी को दिल्ली की सत्ता से बाहर कर देगी। तो वहीं अमित शाह ये दावा करते नहीं थकते कि बीजेपी एक बार फिर तीन सौ सीटों के आंकड़े को पार करेगी। वहीं महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है।
शिंदे ने कहा कि उद्धव, सीएम रहते हुए सिर्फ दो बार मंत्रालय गए। मुख्यमंत्री रहते हुए केवल दो बार मंत्रालय जाने वाले कल सत्ता की लालच में सीधा पटना पहुंच गए। सत्ता के लिए पहले अपना हिंदुत्व छोड़ दिया और कल पटना गए। केवल मोदी का विरोध करने की मंशा से एकजुट होने वाले लोगों का गठबंधन कभी नहीं हो सकता,और अगर हुआ भी तो लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे। आज से एक साल पहले बालासाहेब ठाकरे के विचारों को गिरवी रखने वाली शिवसेना का हमने विरोध किया था। कल विपक्षी दलों द्वारा हुई बैठक में इस बात को साबित किया कि हम सही थे। बालासाहेब ने कांग्रेस, राजद, पीडीपी, एनसीपी, जेडीयू का हमेशा विरोध किया। उद्धव ठाकरे उन्हीं के दिल में जाकर शामिल हो गए। यह भूल कर कि इन्हीं लोगों ने हिंदुत्व, राम मंदिर का विरोध किया था,और अनुच्छेद 370 को हटाने का भी विरोध किया था।
वहीं एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के महबूबा मुफ्ती के साथ मंच साझा करने पर भी सवाल खड़ा किया है। शिंदे ने कहा कि अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वाली महबूबा मुफ्ती बगल में बैठी हैं और बातें कर रही हैं। इन सभी विरोधियों का उद्देश्य केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करना है। अगर इन में हिम्मत है तो वो गठबंधन का नेता घोषित करें लेकिन यह लोग ऐसा नहीं करेंगे। क्योंकि हर कोई प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है। आत्मविश्वास खो चुके इन सभी नेताओं के चेहरे पर साफ तौर से निराशा देखी जा सकती है।
भले ही एकनाथ शिंदे विपक्षी एकता को हल्के में ले रहे हों,लेकिन संजय राउत ने साफ कर दिया है कि लोकतंत्र बचाने के लिए सबको एक साथ आना होगा।