न्यूज डेस्क
बुनियादी संसाधन, उचित पाठन, शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार। विवादों में घिरे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने ट्विटर एकाउंट पर उपरोक्त लाइनों को लिखा। इस ट्वीट के बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। कहा जाने लगा कि शिक्षा मंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ा नेता बता रहे हैं। इसके बाद जेडीयू के बेबाक नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने जवाब दिया। नीरज कुमार ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से लिखा कि बढ़ता बिहार, नीतीश कुमार। ट्विटर की नहीं काम की सरकार, शिक्षित कुमार, शिक्षित बिहार। कहा जाता हैं कि जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार उस समय भी सबसे पहले आरजेडी पर तल्ख हुए थे, जब पहली बार महागठबंधन टूटा था। इस बार भी नीरज ने इशारों में ही सही तेजस्वी यादव को अशिक्षित कह दिया है।
सियासी नाव का ‘मांझी’ कौन ?
अब सबसे बड़ा सवाल है कि महागठबंधन वाली सियासी नाव के वे कौन से खेवनहार हैं, जो नाव में छेद करने में जुटे हैं। महागठबंधन की अच्छी भली नाव अचानक डगमगाने कैसे लगी? गौर से सारे वक्तव्यों को देखा जाय तो पता चलेगा कि महागठबंधन के अंदर सियासी शीतयुद्ध की पटकथा सबसे पहले सुधाकर सिंह के बयान ने लिखी। सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को शिखंडी और भिखमंगा कह दिया। यही वो बयान था जिससे महागठबंधन में दरार की शुरुआत हुई। उसके बाद इस बयान के बाद महागठबंधन के सहयोगी जीतन राम मांझी ने आग में घी डालने का काम किया। मांझी ने पूरे गठबंधन को ही चैलेंज कर दिया। जीतन राम मांझी ने सबसे पहले ट्वीट कर कहा कि ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अभद्र टिप्पणी करके सुधाकर सिंह ने साबित कर दिया है कि भले ही वह आरजेडी में हों, लेकिन उनकी आत्मा आज भी अपने पुराने दल बीजेपी के साथ ही है। ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल की जवाबदेही बनती है कि अविलंब सुधाकर सिंह पर कारवाई करें, यही गठबंधन धर्म का पालन करना होगा।’ उसके तुरंत बाद मांझी ने यहां तक कह दिया कि गठबंधन ऐसे नहीं चलेगा। तेजस्वी यादव को सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करनी होगी और गठबंधन चलाने के लिए एक कमेटी का गठन करना भी जरूरी है।
जीतन राम मांझी के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा हुए मुखर
महागठबंधन के अंदर इस समय बयान देने की बाढ़ सी आ गई है। हालांकि, मांझी से पहले सुधाकर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देने का काम जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कर दिया था। उपेंद्र कुशवाहा ने तो बकायदा तेजस्वी के नाम सोशल मीडिया पर पत्र ही जारी कर दिया था। उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा था, तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताईए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है। वे उस शख्सियत को शिखंडी कह रहें हैं जिन्होंने बिहार को उस खौफनाक मंजर से मुक्ति दिलाने की मर्दानगी दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे। ऐसे बयानों से प्रदेश की लाखों-करोड़ों जनता एवं वर्तमान जेडीयू और तत्कालीन समता पार्टी के उन हजारों कार्यकर्ताओं की भावना को चोट पहुंचती है जिन्होंने उस दौर में नीतीश कुमार जी का साथ दिया था , कुर्बानी दी थी। सुधाकर जी को बताईए, कम से कम बिहार को उस खौफनाक मंजर से बाहर निकालने जैसे मर्दानगी भरे कार्यों के लिए तो नीतीश कुमार जी को बिहार का इतिहास निश्चित ही याद करेगा।
जेडीयू नेताओं ने लांघी लक्ष्मण रेखा
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे सवाल करते हुए कहा कि अब आप ही बताइए कि अबतक जनता के आशीर्वाद से राज्य में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड कायम करने वाले इतने बड़े नेता को कोई ‘नाईट गॉर्ड’ कहे, यह बिहार की समस्त जनता का अपमान नहीं तो और क्या है ? ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लगे उतना श्रेयस्कर होगा। गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी। इस प्रतिक्रिया में उपेंद्र कुशवाहा ने ‘संबंधों’ की सारी सीमा पार कर दी। उपेंद्र कुशवाहा ने एक तरह से लालू राज पर अटैक किया। बिहार के पूर्व शासनकाल पर टिप्प्णी की और अंत वाली लाइन में उपेंद्र कुशवाहा तेजस्वी और आरजेडी को धमकाते हुए नजर आते हैं।उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान को आरजेडी नेताओं ने अपने नेता का अपमान समझा। उसके बाद दोनों तरफ से खुलकर बयानबाजी होने लगी। जानकारों ने बताया कि जेडीयू का एक गुट तेजस्वी को देखना नहीं चाहता है। ऊपर से उसे नीतीश कुमार से बहुत कमतर करके आंका जाता है। जिसकी वजह से आरजेडी के नेता नाराज रहते हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने जो अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, उससे महागठबंधन में तल्खी और बढ़ गई। आरजेडी नेता भी प्रतिक्रिया देने लगे।
महागठबंधन में बवाल
महागठबंधन के अंदर मचे भूचाल का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां तक कह दिया कि मैंने अपनी नाराजगी से लोगों को अवगत करा दिया है। हालांकि, नीतीश कुमार जेडीयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, जिन्होंने हाल ही में यह कहा था कि आरजेडी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज किए जाने से बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ाने को बल मिलेगा, से भी नाराज दिखे। नीतीश ने कहा कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आपको बता देंगे। ऐसी कोई बात नहीं है। हमारी पार्टी में इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। कौन क्या बोल रहा है, हमसे मिलेंगे तो हम उनसे पूछ लेंगे। आपको बता दें कि जेडीयू के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कुशवाहा की व्यंग्यात्मक टिप्पणी को खारिज कर दिया था। जानकार मानते हैं कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। स्थिति दिनों -दिन बदतर होती जा रही है। इस स्थिति में ये सियासी संबंध और गठबंधन कितने दिनों तक टिका रहेगा। इसका अंदाजा लगाना मुस्किल है।