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Odisha Train Accident: कौन है हादसे का गुनहगार, कैसे एक ही पटरी पर एक वक्त में आ गई 2 ट्रेन

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  • Odisha Train Accident: कौन है हादसे का गुनहगार

  • कैसे एक ही पटरी पर एक वक्त में आ गई 2 ट्रेन

  • रेलवे कंट्रोल रूम की गलती की वजह से हुआ हादसा!

  • लोको पायलट को रेलवे कंट्रोल रूम से मिलता है निर्देश

  • कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ए एम चौधरी करेंगे ट्रेन हादसे की जांच

विकास कुमार
ओडिशा के बालासोर में एक दर्दनाक रेल हादसे में अब तक दो सौ 61 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दक्षिण पूर्व रेलवे ने बताया कि बालासोर रेल हादसे में अब तक दो सौ 61 लोगों की मौत हुई है। वहीं इस भीषण हादसे में नौ सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।हैरानी की बात ये है कि बालासोर में तीन ट्रेन आपस में टकराई है।वैसे तो ये तुरंत पता नहीं चला कि कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना कैसे हुई। लेकिन देर रात ओडिशा सरकार ने स्पष्ट किया कि तीन ट्रेनें पटरी से उतर गई थीं। और एक ही स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी, जिसके चलते ये हादसा हुआ। 2 जून की शाम जब बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस हावड़ा की ओर जा रही थी तो इसी दौरान कई डिब्बे पटरी से उतरकर गिर गए। वहीं दूसरी ओर शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस इस एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे सामने से आ रही मालगाड़ी के डिब्बों से भी टकरा गए। ये दर्दनाक हादसा बालासोर जिले के बहांगा बाजार स्टेशन के पास हुआ। ओडिशा रेल हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।साउथ ईस्टर्न जोन के कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ए एम चौधरी इस बड़ी ट्रेन दुर्घटना की जांच करेंगे।

ऐसे में ये सवाल सबके मन में उठ रहा है कि आखिर कैसे दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ गई। दो ट्रेन एक ही समय पर एक ही पटरी पर दो कारण से आ सकते हैं। एक तो मानवीय भूल और दूसरा तकनीकी खराबी। ओडिशा में ट्रेन हादसे के पीछे तकनीक में खराबी को अब तक वजह माना जा रहा है।बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी की वजह से दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ गई और उनमें टक्कर हो गई। दरअसल चालक ट्रेन को कंट्रोल रूम के निर्देश पर चलाता है। और कंट्रोल रूम से निर्देश पटरियों पर ट्रैफिक को देख कर दिया जाता है। हर रेलवे कंट्रोल रूम में एक बड़ी सी डिस्प्ले लगी होती है। जिस पर दिख रहा होता है कि कौन सी पटरी पर ट्रेन है और कौन सी पटरी खाली है। ये हरे और लाल रंग की लाइटों के जरिए से दिखाया जाता है। जैसे कि अगर किसी किसी पटरी पर कोई ट्रेन है या चल रही है तो वो लाल दिखाएगा और जो पटरी यानी रेलवे ट्रैक खाली है, वह हरी लाइट दिखाता है। इसी को देखकर कंट्रोल रूम से लोको पायलट को निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन इस बार जैसा हादसा हुआ है उसे देख कर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि डिस्प्ले पर ट्रेन का सिग्नल सही नहीं दिखाई दिया और इसकी वजह से ये हादसा हुआ।

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