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अब किसकी होगी गिरफ़्तारी ,विपक्ष के कई बड़े नेताओं पर लटकी तलवार !

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अखिलेश अखिल
मनीष सिसोदिया के बाद कौन ? यही चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही है। अगर पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए चुनाव में बीजेपी की फिर से वापसी होती है तो नजारा देखने वाला हो सकता है। माना जा रहा है कि एक -एक कर कई नेताओं को लपेटे में लिया जा सकता है और जेल पहुंचाने का खेल शुरू हो सकता है। वैसे मोदी की सरकार लगातार विपक्षी नेताओं को टारगेट करती रही है और सरकार की तमाम जांच एजेंसियां धावा बोलती रही है लेकिन अब इसकी शुरुआत नए तरीके से आगे बढ़ सकती है। यही वजह है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अब किस नेता की गिरफ्तारी होगी इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। आगे बढे इससे पहले कुछ आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत है।

पहले याद रखिये कि आप पार्टी के तीन बड़े नेता इन दिनों जेल पहुँच गए है। तीनो मंत्री रहते हुए जेल पहुंचे है। कहा जा रहा है कि अभी आप के कुछ और नेताओं पर जांच एजेंसियों की नजर है। किस नेता की बारी पहले आएगी इसे देखने की बात होगी। पिछले साल इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक पड़ताल में बताया था कि 2014 के बाद आठ सालों में नेताओं के ख़िलाफ़ ईडी के इस्तेमाल में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 121 राजनेता जांच के दायरे में आए जिनमें 115 विपक्षी नेता हैं। यानी इस दौरान 95 प्रतिशत विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई हुई। इसी पड़ताल में यह भी कहा गया है कि सितम्बर तक डीएमके के 6, बीजू जनता दल के 6, समाजवादी पार्टी के पांच, बसपा के पांच, आम आदमी पार्टी के तीन, वाईएसआरसीपी के तीन, आईएनएलडी के तीन, सीपीएम के दो, पीडीपी के दो और टीआरस, एआईएडीएमके, एमएनएस के एक-एक नेता के ख़िलाफ़ जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। उधर लालू यादव का लगभग पूरा परिवार ही जांच के दायरे में है। अभी आह में फिर से नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार को सामान भेजा गया है। उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द कार्रवाई भी शुरू होगी और परिणाम भी सामने आएंगे।

याद रहे बीते सितम्बर में की गई अपनी पड़ताल में बताया कि एनसीपी के 11 और शिवसेना के 8 नेताओं पर जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की थी। अब आगे की कार्रवाई की जा सकती है। यह भी जान लें कि इस समय हिमंत बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री हैं। वो पहले असम में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा थे। शारदा चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी ने जांच शुरू की और इस सिलसिले में उनके घर पर छापा भी मारा गया और पूछताछ भी हुई। बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें असम का मुख्यमंत्री बना दिया। उनके ऊपर लगे सारे मामले ख़त्म से हो गए। इसी तरह नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के दो क़रीबी नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय पर भी सीबीआई और ईडी ने शिकंजा कसा।

पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने वाले थे, उससे पहले दोनों ही नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया. बाद में मुकुल रॉय टीएमसी में लौट आए। अभी  टीएमसी के 19 नेताओं पर सीबीआई और ईडी की कार्रवाई चल रही है। कहा जा रहा है कि जैसे -जैसे चुनाव सामने आएंगे जाँच एजेंसियां नेताओं पर नकेल कसेगी।
कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता गिरफ्तार हो चुके हैं। केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम और उनके सांसद बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था।
कर्नाटक के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सरकार के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार गिरफ्तार हो चुके हैं। इनके अलावा सोनिया व राहुल गांधी से लेकर भूपेंदर सिंह हुड्डा तक कई लोगों पर तलवार लटक रही है। कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के दो बड़े नेताओं, महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख और नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया। देशमुख जमानत पर छूट गए हैं लेकिन मलिक अभी तक जेल में हैं। इनके अलावा प्रफुल्ल पटेल सहित कई और लोगों पर तलवार है।

तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता बनर्जी सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी अभी जेल में हैं और पार्टी के एक बड़े नेता अनुब्रत मंडल भी जेल में हैं। गिरफ्तार तो कई लोग हो चुके हैं और ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी व उनके कई रिश्तेदारों पर तलवार लटक रही है। समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में से एक आजम खान का लगभग पूरा परिवार जेल जा चुका है और आजम खान व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम क्रमशः लोकसभा और विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके हैं। कथित शराब घोटाले में ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के ऊपर भी तलवार लटक रही है। बिहार और झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टियों- राजद और जेएमएम से जुड़े कुछ नेताओं को गिरफ्तार किया गया है लेकिन दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं पर तलवार लटक रही है। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सबकी चिंता बढ़ गई है। सबको लग रहा है कि अब बड़े नेताओं की गिरफ्तारी का समय आ रहा। सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी भी हेराल्ड मामले में जांच के दायरे में हैं। उनके घंटो तक ईडी पूछताछ कर चुकी है।

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