बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर एक बार फिर हलचल काफी बढ़ गई है। लंबे समय से पर्दे के पीछे रहने वाले निशांत क्या अब सक्रिय राजनीति में कदम रखेंगे? इस सवाल ने प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में नई बहस छेड़ दी है। एक ओर जहां आरजेडी के दावों ने इस चर्चा को हवा दी है, वहीं जेडीयू के नेताओं के बयानों से भी बड़े संकेत मिल रहे हैं। पार्टी के भीतर और बाहर इस बात की मांग जोर पकड़ रही है कि निशांत को अब संगठन की जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए। इस सियासी पिच पर बीजेपी नेता भी जमकर बल्लेबाजी कर रहे हैं, जिससे मामला और दिलचस्प हो गया है।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने निशांत कुमार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि एक शिक्षित नौजवान के रूप में बिहार की जनता उन्हें पसंद करती है। निशांत में असीम संभावनाएं हैं और वे करोड़ों युवाओं को पार्टी से जोड़ने की क्षमता रखते हैं। राजीव रंजन ने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ता और शुभचिंतक चाहते हैं कि निशांत संगठन का काम देखें। अगर वे राजनीति में आते हैं, तो हमें बहुत खुशी होगी।’ हालांकि, उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि अंतिम निर्णय खुद निशांत कुमार को ही लेना है। जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने भी सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि अब गेंद निशांत के पाले में है।
बिहार में खरमास (14 जनवरी) के बाद कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। 20 नवंबर को हुए शपथ ग्रहण के बाद अब भी मंत्रिमंडल में 9 पद खाली है, जिनमें जेडीयू कोटे की 6 सीटें शामिल हैं। इसी समय के आसपास निशांत कुमार के राजनीति में प्रवेश की चर्चा ने जोर पकड़ा है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि खरमास के बाद निशांत सक्रिय राजनीति में आकर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने निशांत का स्वागत करते हुए कटाक्ष भी किया कि बीजेपी माइंडसेट के लोग नहीं चाहते कि निशांत राजनीति में आएं, क्योंकि वे अब पिछलग्गू बनकर नहीं रहना चाहते।
छपरा से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इस मुद्दे पर सधा सकारात्मक रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि अगर एक डॉक्टर या इंजीनियर का बेटा अपने पिता के पेशे को अपना सकता है, तो एक राजनेता का बेटा राजनीति में क्यों नहीं आ सकता? हालांकि, रूडी ने इसे पूरी तरह से निशांत कुमार और उनके परिवार का निजी फैसला बताया। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का अधिकार हर नागरिक को है और इस पर किसी अन्य को टिप्पणी करने के बजाय परिवार के निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
एक तरफ जहां निशांत को लेकर चर्चा है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व सांसद आनंद मोहन ने उन अफवाहों पर विराम लगाया है जिसमें नीतीश कुमार के ‘एग्जिट प्लान’ की बात की जा रही थी। आनंद मोहन ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि जो लोग चुनाव से पहले कह रहे थे कि नीतीश मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया है। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे दुष्प्रचार कर रहे हैं कि एनडीए में नीतीश कुमार का विदाई प्लान तैयार है। सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और आगे भी बने रहेंगे।
