न्यूज डेस्क
आज एनसीपी की कोर कमिटी ने शरद पवार नामंजूर कर दिया और उनसे आग्रह किया है कि अभी पार्टी को आपकी जरूरत है। हालांकि पवार साहब की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन माना ज रहा है कि की बात को मानते हुए शरद पवार पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। एनसीपी कोर कमिटी के निर्णय के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि शरद पवार ने बीजेपी को सबक सिखाने के साथ ही एनसीपी की संभावित टूट के मद्दे नजर यह ड्रामा खड़ा किया था ताकि पार्टी के उन लोगों को भी सबक दिया जाये जो लालच बस पार्टी में टूट चाह रहे थे। इस ड्रामा का अंतिम परिणाम यह होगा कि एनसीपी मजबूती के साथ अगले लोकसभा चुनाव के साथ बीएमसी चुनाव में उतरेगा।
एनसीपी की कोर कमेटी की तरफ से शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर करने की बात एनसीपी उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया के सामने रखी है। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने 2 मई को अचानक अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए और नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए पार्टी नेताओं की एक समिति नियुक्त की। आज हमने समिति की बैठक की और शरद पवार के इस्तीफे को हम लोगों ने एक मत से नामंजूर कर दिया और हम उनसे विनती करते हैं कि वे पद पर कायम रहें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं। हमने यह फैसला लिया है।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पवार साहब ने हमें बिना बताए फैसला ले लिया। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेता की सभी मांगों पर विचार करते हुए हमने आज बैठक की और समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। समिति सर्वसम्मति से इस इस्तीफे को खारिज करती है और हम उनसे पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहने का अनुरोध करते हैं।
एनसीपी उपाध्यक्ष ने कहा, “मेरे साथ कई नेताओं ने पवार साहब से मुलाकात की और हमने उनसे लगातार अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया, क्योंकि इस समय देश और पार्टी को उनकी जरूरत है। न केवल एनसीपी नेताओं, बल्कि पार्टी के अन्य नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने का अनुरोध किया।”