न्यूज डेस्क
दिल्ली विधानसभा में कुल 70 विधानसभा क्षेत्र हैं। दिल्ली विधानसभा का पिछला चुनाव फरवरी 2020 में हुआ था। उक्त चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें और भारतीय जनता पार्टी को 8 सीटें प्राप्त हुई , जबकि कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पायी थी। पिछले तीन विधानसभा चुनावों में किस सीट पर कौन सी पार्टी जीती, क्या है जातीय समीकरण,चुनीवी वादों का क्या हुआ और क्या हैं प्रमुख समस्याएं। साथ ही हम आपको पिछले कुछ चुनाव नतीजों के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। सबसे पहले शुरुआत करते हैं नरेला विधानसभा सीट से..
नरेला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। दिल्ली और हरियाणा राज्य की सीमा पर बसा यह क्षेत्र बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया भी है। नरेला को हड़प्पा संस्कृति के भोरगढ़ गांव के समीप बसा हुआ माना जाता है। इस क्षेत्र से निकला ग्रांड ट्रंक रोड लाहौर और काबुल के रास्ते से जुड़ता है। इतना ही नहीं मुगल सम्राट जहांगीर की जीवन जहांगीरनामा में भी नरेला का जिक्र मिलता है।
1993 में इस क्षेत्र को विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया। तब यहां के चुनाव में भाजपा के इंद्रराज सिंह जीत हासिल कर विधायक चुने गये। इसके बाद 1998 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी। इसके बाद कांग्रेस ने यहां दो बार जीत हासिल की।
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में यहां से आम आदमी पार्टी के शरद कुमार ने भाजपा के नीलदमन खत्री को 17429 वोटों से मात दी है। आम आदमी पार्टी के शरद कुमार को इस चुनाव में 86262 वोट हासिल हुए। वहीं भाजपा के नीलदमन खत्री को 68833 वोट मिले। कांग्रेस के सिद्धार्थ कुंडू को 6240 वोट मिले थे। इस सीट पर कुल 2 लाख 41 हजार 32 मतदाता हैं। जिनमें 1 लाख 34 हजार 149 पुरुष मतदाता और 1 लाख 6 हजार 866 महिला मतदाता हैं।
2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से आम आदमी पाटी के शरद कुमार ने जीत हासिल की थी और इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा था। 20215 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 2,40,811 मतदाता थे। जिनमें 134,027 पुरुष मतदाता,1,067,67 महिला मतदाता शामिल थे जबिक थर्ड जेंडर के 17 मतदाता थे।
2013 विधानसभा चुनाव में भाजपा के नील दमन खत्री ने जीत हासिल की थी और उन्हें 54,622 वोट हासिल हुए थे। दूसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी के वीरेंद्र को कुल 31,077वोट हासिल हुए थे। वहीं कांग्रेस के जसवंत सिंह 26,311 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल 2008 के चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर कांग्रेस के जसवंत सिंह बसपा के शरद कुमार को मात्र 800 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। जसवंत सिंह को इस चुनाव में 34,662 वोट मिले थे जबकि शरद कुमार को 33,830 वोट मिले थे। भाजपा के अजित सिंह 29,754 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के शरद कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के नील दमन खत्री को 40,292 मतों से हराया था। शरद कुमार को 96,143 तो भाजपा के नील दमन खत्री को 55,851 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के प्रवीण कुमार तीसरे स्थान पर रहे, उन्हें 4643 वोट मिले।
सभी पार्टियों के प्रमुख चुनावी वादे…
आम आदमी पार्टी
दिल्ली जनलोकपाल बिल
दिल्ली स्वराज बिल
राशन की डोर स्टेप डिलीवरी
भारतीय जनता पार्टी
भ्रष्टाचार मुक्त शासन
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मजबूत लोकपाल
पिछले तीन बार से नरेला विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है, और राज्य में भी उसी की सरकार रही है। बावजूद इसके यहां पर साफ सफाई, परिवहन और स्वच्छ पानी प्रमुख समस्याएं हैं। आम आदमी जिन वादों के साथ दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी, मौजूदा परिस्थितियों के मुताबिक जिन वादों के साथ आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता हासिल की थी वो धरातल पर कहीं भी नजर नही आ रहे हैं।