Homeदेशराहुल के समर्थन में विरोधी दल की गोलबंदी ,बीजेपी को मिलेगी चुनौती

राहुल के समर्थन में विरोधी दल की गोलबंदी ,बीजेपी को मिलेगी चुनौती

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अखिलेश अखिल 
राजनीति कई एंगिल पर नाचती नजर आ रही है। इस राजनीति में यह कह पाना मुश्किल है कि यहाँ कौन अपना है और कौन पराया। कौन साथ है तो कौन दूर। लेकिन एक बात साफ़ है कि तमाम विपक्षी दलों के रडार पर सत्ताधारी पार्टी  बीजेपी है। दूसरी तरफ कई घटनाये एक साथ घटती नजर आ रही है। संसद ठप है। बीजेपी राहुल से माफ़ी  कर  रही है। विपक्ष अडानी मसले की जांच जेपीसी से कराने की मांग कर रही है।

उधर सुप्रीम कोर्ट बार -बार सरकार को कई तरह के सन्देश दे रहा है तो चुनाव आयोग कई पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी की सूची से अलग करने की नीति पर आगे बढ़ रही है। टीएमसी और एनसीपी जैसी पार्टी पर चुनाव आयोग की नजर है तो शरद पवार विपक्षी की बैठते करते फिर रहे हैं। फिर आगामी चुनाव को बैलेट पेपर से कराने की बात भी चल रही है।

अरविंद केजरीवाल दिल्ली समेत देश भर में मोदी हटाओ ,देश बचाओ का अभियान चला रहे हैं। कही ममता बनर्जी तीसरा मोर्चा की कहानी रचती नजर आ रही है तो सबसे बड़ी बात बीजेपी सरकार के प्रबल विरोधी के रूप में उभरे राहुल गाँधी को सूरत की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनकर राजनीतिक तापमान को और भी गरमा दिया है। अब चर्चा इस बात की हो रही है कि कही राहुल की सांसदी न चली जाए। अगर ऐसा हुआ तो राहुल अगले 6 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। सूरत की अदालत ने मोदी सरनेम वाले मामले में राहुल को सजा दी है।  लेकिन अब इस खेल के बाद विपक्षी एकता की कहानी बढ़ती दिख रही है।

मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने का कांग्रेस को एक फायदा यह हुआ है कि जो पार्टियां अभी तक उसके विरोध में गोलबंदी कर रही थीं उसके नेता भी समर्थन में उतरे हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजाक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल का समर्थन किया है तो ममता बनर्जी के साथ मिल कर तीसरा मोर्चा बना रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनके समर्थन में उतरे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों को खत्म करने की साजिश हो रही है। केजरीवाल ने कहा- कांग्रेस से मतभेद है, लेकिन राहुल गांधी को इस तरह से मानहानि के मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं है। हम अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फैसले से असहमत हैं। इसी तरह अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को टैग करते हुए ट्विट किया- देश की मानहानि, जनता की मानहानि, सौहार्द की मानहानि, संविधान की मानहानि, अर्थव्यवस्था की मानहानि। भाजपा पर ऊपर लिखित न जाने कितने प्रकार के मानहानि के मुकदमे होने चाहिए। विपक्ष को नगण्य मुकदमों में फंसाकर अपना राजनीतिक भविष्य साधने वाली भाजपा विपक्ष की ताकत से डर गई है।

राजद नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राहुल का समर्थन करते हुए कहा- विपक्षी नेताओं पर ईडी, आईटी, सीबीआई के छापे लगवाएं, फिर भी बात न बने तो एक जघन्य साजिश के तहत अलग-अलग शहरों में निराधार मुकदमे करवाएं, ताकि हेडलाइन मैनेजमेंट में कोई कोर कसर बाकी न रहे। यह गंभीर मामला है। उन्होंने भी अपने ट्विट के साथ राहुल गांधी को टैग किया।हेमंत सोरेन भी राहुल के साथ खड़े दिखे हैं।

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