अखिलेश अखिल
बीजेपी की सबसे बड़ी चिंता लोकसभा चुनाव को लेकर है। यह चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के लिए सबसे सबसे बड़ा प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है। वैसे पांच राज्यों के चुनाव भी इस बार मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव में तो उनकी कुर्सी का मामला है। बीजेपी समेत संघ को भी लग रहा है कि लोकसभा चुनाव में चूक हुई तो बहुत कुछ खराब होगा और बहुत बदल जायेगा। बीजेपी बचेगी या नहीं इसका पर भी सवाल खड़े हो रहे है। लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी खुद ही कई तरह के राजनीतिक जुगाड़ करते फिर रहे हैं।
काफी सोंच समझकर ही बीजेपी ने अभी हाल में ही मध्यप्रदेश के चुनाव में बीजेपी के कई सांसदों और मंत्रियों को मैदान में उतारने का ऐलान किया है। उनकी उम्मीदवारी भी ट्रे कर दी गई है। कुछ इसी तरह के खेल राजस्थान में भी होने जा रहे हैं। वहां के भी कई सांसदों को मैदान में उतारने की तैयारी है। तीन कैबिनेट मंत्री को भी चुनावी मैदान में उतारने की बात की जा रही है। इस खेल के पीछे की कहानी बस यही है कि किसी भी सूरत में ये चुनाव जीते जाए। और अगर ये सांसद चुनाव नहीं जीत पाते हैं तो इन्हे सदा के लिए घर बैठा दिया जाए। बस यही कहानी है।
लेकिन उत्तर प्रदेश में ठीक इसके उलट की कहानी तैयारी की जा रही है। खबर के मुताबिक यूपी में बढ़ती विपक्षी ताकत के सामने बीजेपी की तैयारी कुछ और ही। बीजेपी मान रही है कि जिस तरह से विपक्षी गठबंधन मजबूत होती जा रही है ऐसे में लोकसभा सीटों को जितना उतना आसान नहीं है इतना पिछले दो चुनाव में था। ऐसे में पार्टी की तैयारी यह है कि प्रदेश के तमाम कद्दावर नेताओं और योगी सरकार के मंत्रियों को मैदान में उतारा जाए। सीएम योगी को भी यह सब बता दिया गया है। ऐसे में इस बात की सम्भावना बढ़ गई है कि केशव प्रसाद मौर्या और ब्रजेश पाठक भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
सबसे पहले बात उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता एवं वर्तमान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की करते हैं, जिन्हें पार्टी 2024 में फिर से लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है। मौर्य के प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में ही 2017 में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था और उस समय मौर्य यूपी में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन, सीएम पद योगी आदित्यनाथ को मिल गया और उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा।2022 में हुए विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने अपने गृह जिले कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन, उन्हें समाजवादी पार्टी उम्मीदवार पल्लवी पटेल से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, पार्टी आलाकमान के दबाव में योगी आदित्यनाथ ने अपनी दूसरी सरकार में भी उन्हें उपमुख्यमंत्री तो बनाया लेकिन लोक निर्माण विभाग जैसा मंत्रालय वापस लेकर उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंप दिया। इससे पहले मौर्य 2014 में फूलपुर से लोकसभा सांसद भी चुने गए थे।
उत्तर प्रदेश के दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भी 2024 में भाजपा लोकसभा के चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। बसपा से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले पाठक मायावती की पार्टी से उत्तर प्रदेश के उन्नाव संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।
एक जमाने में मायावती के काफी करीबी माने जाने वाले ब्रजेश पाठक 2016 में भाजपा में शामिल हुए। 2017 में पाठक लखनऊ सेंट्रल से विधायक का चुनाव जीतकर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और 2022 में लखनऊ छावनी से विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्हें योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
भाजपा योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को भी लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है। खानदानी रूप से कांग्रेसी माने जाने वाले जितिन प्रसाद ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। वर्ष 2004 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से और 2009 में धौरहरा से चुनाव जीतकर सांसद बने।
राहुल गांधी की सिफारिश पर उन्हें मनमोहन सिंह सरकार में पहली बार 2008 में मंत्री बनाया गया और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा से बनी मनमोहन सरकार में उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया। लेकिन, इसके बाद राजनीतिक तौर पर जितिन प्रसाद का बुरा दौर शुरू हो गया। जितिन प्रसाद को लगातार दो बार 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से हार का सामना करना पड़ा।इन दोनों लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने उन्हें 2017 में विधानसभा का टिकट भी दिया लेकिन वह यह चुनाव भी हार गए। वर्ष 2021 में जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थाम लिया। उन्हें योगी की पहली सरकार में भी मंत्री बनाया गया और वह योगी की वर्तमान सरकार में भी मंत्री हैं।
पार्टी योगी सरकार के मंत्री राकेश सचान को भी 2024 में लोकसभा उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। सपा से भाजपा में आए राकेश सचान 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फतेहपुर लोकसभा से सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले और मायावती सरकार में मंत्री रह चुके जयवीर सिंह 2022 के चुनाव में यूपी के मैनपुरी से विधायक चुने गए। उनके राजनीतिक कद को देखते हुए उन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया और अब भाजपा उन्हें 2024 में लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है।
भाजपा योगी सरकार के एक और मंत्री नरेंद्र कश्यप को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही भाजपा योगी सरकार के एक और मंत्री दया शंकर मिश्रा ‘दयालु’ को 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है। दया शंकर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
योगी सरकार के अन्य मंत्रियों की बात करें तो पार्टी पीलीभीत विधायक संजय गंगवार, आगरा ग्रामीण विधायक बेबी रानी मौर्य, बलिया विधायक दयाशंकर सिंह और पथरदेवा से विधायक सूर्य प्रताप शाही को भी 2024 में लोकसभा चुनाव लड़वाने के बारे में विचार-विमर्श कर रही है। ये चारों नेता वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री हैं।भाजपा उत्तर प्रदेश के मथुरा से विधायक श्रीकांत शर्मा को भी लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है जो योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। भाजपा मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले आरपीएन सिंह को भी 2024 में लोकसभा उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है।
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