विकास कुमार
मणिपुर में हुई हिंसा की जांच को लेकर सीबीआई ने डीआईजी रैंक के अधिकारी के तहत एसआईटी का गठन किया है। सीबीआई ने बताया कि हिंसा के मामले में दर्ज छह एफआईआर को लेकर जांच की जाएगी। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के दौरे के दौरान सीबीआई जांच का ऐलान किया था।
मणिपुर में एसटी का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था। लेकिन इसके बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। हिंसा में कई लोगों के घर जलाए दिए गए, लोगों को जान से मार दिया गया। और बड़े पैमने पर लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली। सैंकड़ों लोग इस हिंसा में परिवार सहित बेघर हो गए थे। हिंसक झड़पों में कम से कम सौ लोग मारे जा चुके हैं। और तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। वहीं, 37 हजार चार सौ 50 लोग फिलहाल दौ सौ 72 राहत शिविरों में रह रहे हैं।
मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 फीसदी है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसे हुए हैं। मणिपुर में शांति कायम करने के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग दस हजार जवान तैनात किए गए हैं। भारत सरकार और मणिपुर सरकार को हिंसा से पीड़ित लोगों की हर मुमकिन सहायता करनी चाहिए। साथ ही जल्द से जल्द मणिपुर में पूरी तरह से शांति बहाल करनी चाहिए।