नई दिल्ली: शनिवार को कर्नाटक के मेंगलुरु में चलते ऑटो में एक कम तीव्रता का ब्लास्ट हुआ था। इस घटना के चलते 2 लोगों के घायल हुए थे। कर्नाटक पुलिस के प्रमुख (DGP) IPS प्रवीण सूद ने इसे एक आतंकी हरकत करार देते हुए बताया कि ब्लास्ट से ज्यादा नुकसान भी हो सकता था। घटना शनिवार (19 नवम्बर, 2022) की है।
दरअसल, शनिवार यानी 19 नवंबर 2022 को मेंगलुरु में एक ऑटोरिक्शा में विस्फोट हुआ था, जिसमें कर्नाटक पुलिस ने रविवार यानी 20 नवंबर को मोहम्मद शरीक की पहचान मुख्य संदिग्ध के रूप में की थी। शरीक को इससे पहले भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा एक और आतंकी मामले में भी पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
रास्ते में ही फट गया कुकर बम
19 नवंबर की शाम को कुकर बम के साथ शारिक ऑटो रिक्शा में सवार होकर पम्पवैल इलाके में जाना चाहता था। लेकिन जब ऑटो कनकनाडी इलाके से गुजर रहा था तब कुकर बम फट गया। जिसमें मुख्य आरोपी शारिक और ऑटो रिक्शा ड्राइवर पुरुषोत्तम घायल हो गए।
मेंगलुरु ऑटो विस्फोट केस का मुख्य आरोपी था ISIS के संपर्क में
मेंगलुरु ऑटो विस्फोट केस का मुख्य आरोपी ISIS हैंडलर के संपर्क में था। एडीजीपी कानून व्यवस्था आलोक कुमार ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि मंगलुरु में ऑटो ब्लास्ट केस का मुख्य आरोपी शारिक है। शारिक खुद इस ब्लास्ट में 45 फीसदी झुलसा है। आलोक कुमार ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि शिवमोग्गा के तीर्थहली में रहने वाले शारिक की शिनाख्त के लिए घरवालों को मंगलुरु हॉस्पिटल लाया गया था। शारिक के मैसूर के घर से बम बनाने की सामग्री मिली है। एक नकली आधार कार्ड के जरिए वो मैसूर में किराए के घर में रह रहा था।
इस ब्लास्ट को कोयंबटूर ब्लास्ट जैसा बताया जा रहा है। कोयंबटूर ब्लास्ट के दौरान कार में सिलिंडर और ऑटो के कुकर का इस्तेमाल हुआ। दोनों के लिंक आईएसआईएस से जुड़े होने की आशंका है। इतना ही नहीं कोयंबटूर ब्लास्ट में आरोपियों के लिंक श्रीलंका में हुए ईस्टर ब्लास्ट के आरोपियों से भी सामने आए थे। अब मामले में आगे की जांच की जा रही है।