न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ कई मुद्दों को लेकर धरना दे रही हैं। उन्होंने धरने के दौरान यह दिखाने की कोशिश की है कि भाजपा में शामिल होने के बाद नेताओं के दाग धुल जाते हैं। उन्होंने इसका डेमो दिखाने के लिए ‘बीजेपी वॉशिंग मशीन’ का इस्तेमाल किया, उसमें काले कपड़े डाले और सफेद कपड़े निकाल दिए। ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के बाद नेताओं के दाग घुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग भाजपा में शामिल होते हैं, बेदाग हो जाते हैं। ममता ने इसका लाइव डेमो भी दिखाया। इसके अलावा ममता बनर्जी मनरेगा योजना और कई आवास और विकास परियोजनाओं को लेकर केंद्र पर हमलावर हैं। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार राज्यों को फंड नहीं दे रही है। कोलकाता में रेड रोड पर अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने आंदोलन में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने एक वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल किया। उसमें एक तख्ती लगाई ‘बीजेपी वाशिंग मशीन।’
Hon’ble CM @MamataOfficial calls out @BJP4India’s hypocrisy.
Under BJP’s rule, the opposition is endlessly harassed by Central Agencies. But the minute an opposition leader joins the BJP, they become innocent as a lamb.
That’s the magic of BJP WASHING MACHINE! pic.twitter.com/Z4hbvQQ5U0
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) March 29, 2023
जैसे ही टीएमसी कार्यकर्ताओं ने ‘वॉशिंग मशीन भाजपा’ का नारा लगाया, बंगाल की मुख्यमंत्री ने मशीन में काले कपड़े डाल दिए, जो प्रतीकात्मक रूप से सफेद हो गए। ममता बनर्जी ने इसी वजह से बीजेपी वॉशिंग मशीन का टर्म दिया है। भाजपा में शामिल होने से पहले शुभेंदु अधिकारी पर भी भाजपा कई संगीन आरोप लगाती थी। शामिल होने के बाद उन पर लगे सभी आरोप खारिज हो गए। अर्जुन सिंह पर भी ऐसे ही आरोप लगे थे। सभी नेताओं के आरोप भाजपा भूल चुकी है।
भाजपा की वाशिंग मशीन में इन दिग्गजों के दाग हुए हैं साफ
हिमंत बिस्वा सरमा
असम- कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहे हिमंत बिस्वा शर्मा पर शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने आरोपी बनाया था। सरमा पर आरोप था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से 20 लाख रुपए हर महीने लिए, जिससे ग्रुप का कामकाज बेहतर तरीके से चल सके। सरमा से अंतिम बार सीबीआई ने 27 नवंबर 2014 को पूछताछ की थी। हिमंत अगस्त 2015 में भाजपा में शामिल हो गये थे। कांग्रेस का आरोप है कि इसके बाद सीबीआई ने हिमंत की फाइल बंद कर दी। हिमंत अभी असम के मुख्यमंत्री हैं।
शुभेंदु अधिकारी
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी से सीबीआई ने शारदा घोटाले में पूछताछ शुरू की थी। उन पर आरोप था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से फेवर लिया था। शुभेंदु पर बाद में नारदा स्टिंग ऑपरेशन में भी पैसा लेने का आरोप लगा, जिसकी जांच ईडी ने शुरू की। तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि शुभेंदु जब टीएमसी में थे, तब जांच एजेंसी उन्हें परेशान कर रही थी, लेकिन जैसे ही बीजेपी में गए तो सारे मामले में उन्हें क्लिन चिट मिलने लगा। 2022 में बंगाल पुलिस ने शुभेंदु के खिलाफ शारदा घोटाले में जांच शुरू की। शुभेंदु वर्तमान में बंगाल विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष हैं।
जितेंद्र तिवारी
पश्चिम बंगाल- आसनसोल के कद्दावर नेता जितेंद्र तिवारी ने 2021 में तृणमूल छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। उस वक्त मोदी सरकार में मंत्री रहे बाबुल सुप्रीयो ने इसका खुलकर विरोध किया था। सुप्रीयो ने कहा था कि कोयला चोर और तस्करों को पार्टी में लाने का नुकसान होगा। सुप्रीयो ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा था कि कोल तस्करी केस में सीबीआई की कार्रवाई के बाद कुछ नेता बीजेपी में आने की जुगत लगा रहे हैं। मैं ऐसा होने नहीं दूंगा। हालांकि, हाईकमान ने तिवारी की एंट्री को हरी झंडी दे दी। तृणमूल का आरोप है कि तिवारी कोयला तस्करी में शामिल रहे हैं और उन पर सीबीआई का एक्शन नहीं हो रहा है।
नारायण राणे
महाराष्ट्र- शिवसेना उद्धव गुट का आरोप है कि नारायण राणे को भी भाजपा ने वाशिंग मशीन में डालकर पाक-साफ कर दिया है। राणे अभी मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने उन पर आदर्श सोसायटी मामले में हेरफेर का आरोप लगाया था। साल 2012 में सोमैया ने सीबीआई को 1300 पन्नों का एक दस्तावेज भी सौंपा था। साल 2017 में किरीट सोमैया ने ईडी को पत्र लिखकर नारायण राणे की संपत्ति जांच करने की मांग की थी। सोमैया ने कहा था कि राणे मनी लॉन्ड्रिंग कर अपना पैसा सफेद कर रहे हैं। साल 2019 में नारायण राणे भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया। शिवसेना उद्धव गुट का आरोप है कि राणे को लेकर सीबीआई और ईडी ने जांच रोक दी है।
बीएस येदियुरप्पा
कर्नाटक में भाजपा का चेहरा बीएस येदियुरप्पा पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। येदियुरप्पा को इसकी वजह से मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। येदियुरप्पा पर 2011 में 40 करोड़ रुपए लेकर अवैध खनन को शह देने का आरोप लगा था और लोकायुक्त ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। 2013 के चुनाव में येदियुरप्पा अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़े, जिससे भाजपा को नुकसान का सामना करना पड़ा। इसके बाद येदि की घर वापसी हुई। 2016 में सीबीआई की विशेष अदालत ने येदियुरप्पा को क्लीन चिट दे दिया था। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा में आने के बाद येदियुरप्पा के खिलाफ एजेंसी ने जांच ठीक ढंग से नहीं किया।
प्रवीण डारेकर
2009 से 2014 तक मनसे के विधायक रहे प्रवीण डारेकर पर 2015 में मुंबई कॉपरेटिव बैंक में 200 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया था। भाजपा ने इस मामले को जोरशोर से उठाया, जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा को केस की जांच सौंपी गई। 2016 में डारेकर भाजपा में शामिल हो गए और विधान परिषद पहुंच गए। साल 2022 में आर्थिक अपराध शाखा ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया। डारेकर अभी मुंबई कॉपरेटिव बैंक सोसाइटी के अध्यक्ष हैं।
हार्दिक पटेल
गुजरात में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल पर भाजपा सरकार के दौरान राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। हार्दिक को इसकी वजह से तड़ीपार भी रहना पड़ा था। हार्दिक पर 20 केस दर्ज किए गए थे। पटेल गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस का आरोप है कि राजद्रोह केस में बचने के लिए हार्दिक ने यह कदम उठाया। हार्दिक अभी भाजपा के वीरमगाम से विधायक हैं।
इन नामों के अलावा सोवन चटर्जी, यामिनी जाधव और भावना गवली जैसे नेताओं पर भी जांच एजेंसी ने कोई एक्शन नहीं लिया, क्योंकि सभी बीजेपी या उनके सहयोगी पार्टी में चले गए।