न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्ष के निशाने पर आ गई है। ममता के खिलाफ कांग्रेस जहाँ हाई कोर्ट पहुँच गई है वही बीजेपी ने सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक फैक्ट फाइंडिंग टीम को कोलकाता भेज रही है। यह टीम हिंसा के दौरान मारे गए लोगों की सही जानकारी परीत्य अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी।
खबर के मुताबिक 8 जुलाई को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान कई जिलों में भारी हिंसा हुई। इस हिंसक खेल में करीब 21 लोगों की जाने गई और दर्जों लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही काफी मात्रा में गोली बारूद और हथियार भी पकडे गए हैं।
बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने समेत तीन मांगें उठाई हैं। साथ ही ममता सरकार से सवाल किया कि हिंसा क्यों हुई?
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी तीन मांगे हैं। पहला पीड़ितों को मुआवजा राशि दी जाए, दूसरा घायलों का पूरा इलाज कराया जाए और तीसरा इलाज के साथ-साथ वित्तीय सहायता दी जाए। हमने यह भी मुद्दा उठाया कि पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा होने की पूरी संभावना थी तो पहले से राज्य सरकार की ओर से तैयारी क्यों नहीं की गई। साथ ही हिंसा क्यों हुई? इतने लोग मारे गए, इसकी सख्त रूप से जांच होनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को कोलकाता में कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में 21 लोग मारे गए इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। हमने 6,000 बूथों पर दोबारा मतदान कराने को लेकर राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। मृतकों के परिवार और घायलों को सहायता राशि प्रदान करनी भी मांग है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव हुए। इस दौरान हुई हिंसा के बाद सोमवार को 19 जिलों के 698 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ है। शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के दौरान छह जिलों में 21 लोगों की हत्या हुई थी। सोमवार को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा इलाके में एक तालाब और एक खेत से 35 देशी बम बरामद किए गए। बमों को निष्क्रिय करने के लिए बम निरोधक दस्ते की एक टीम स्थानीय पुलिस के साथ तुरंत मौके पर पहुंची।