उग्र हो रहा प्रदर्शन
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद उग्र होता जा रहा है। बेलगावी में हुई पत्थरबाजी की घटना के विरोध में उद्धव ठाकरे गुट के शिवसैनिकों ने पुणे में कर्नाटक की बसों पर ‘जय महाराष्ट्र’ लिख दिया। साथ ही कहा कि हम संस्कारी हैं इसलिए बसों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। शिवसैनिकों ने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा से लगे चिक्कोडी से कर्नाटक में प्रवेश कर विरोध करने की कोशिश की तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
गृहमंत्री से चर्चा करेगी महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर महाराष्ट्र सरकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने वाली है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से फोन पर बात की और कर्नाटक में महाराष्ट्र की बस पर हुए हमले को लेकर नाराजगी जताई है। जिसके बाद बोम्मई ने कर्नाटक में महाराष्ट्र से जाने वाली गाड़ियों और बसों को सुरक्षा देने का दिया आश्वासन दिया। बता दें कि महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद का मुद्दे को लेकर दोनों राज्यों के कुछ इलाकों में काफी तनाव देखने को मिल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मुद्दे पर एहतियाती कदम नहीं उठाए गए तो हालात बद से बदतर हो सकते हैं।
शरद पवार ने दिया 24 घंटे का अल्टिमेटम
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी कर्नाटक सरकार को 24 घंटे का अल्टिमेटम दिया है। पवार ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र की गाड़ियों पर हमले नहीं रुके तो आगे जो होगा उसकी जिम्मेदारी कर्नाटक सरकार की होगी। शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद को लेकर जो कुछ भी हो रहा है वो देश की एकता के लिए खतरा है। पवार ने साथ ही कहा कि इस मुद्दे के बहाने मराठी लोगों के आसपास दहशत का माहौल तैयार किया जा रहा है।
सबसे पुराने अंतरराज्यीय विवादों में एक
महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद दशकों पुराना है, और इसे लेकर कई बार प्रदर्शन हुए हैं। ये विवाद शुरू हुआ था साल 1956 में जब राज्य पुनर्गठन अधिनियम संसद से पास होकर अस्तित्व में आया. तभी से दोनों राज्य अपनी सीमाओं के कुछ गांव और कस्बों को को भाषायी आधार पर अपने राज्य में शामिल किए जाने की मांग करते हैं। दोनों राज्यों में बेलगावी, खानापुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार की सीमा को लेकर विवाद है। इस विवाद में सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है बेलगावी। बेलगाम या बेलगावी जिला मौजूदा समय में कर्नाटक का हिस्सा है, लेकिन महाराष्ट्र इस जिले के कई गांवों पर अपना दावा जताता रहा है। बेलगावी के इन गांवों की आबादी मराठी भाषी है और यही वजह है कि महाराष्ट्र लंबे समय से इन गांवों को सूबे में शामिल किए जाने की मांग करता रहा है। दोनों राज्यों के बीच ये विवाद 1960 में महाराष्ट्र की स्थापना के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।