न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पद छोड़ने की इच्छा जताई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शेष जीवन पढ़ने, लिखने और चिंतन मनन में बिताना चाहते हैं। कोश्यारी ने यह बात ट्विटर पर साझाा की। राजभवन की ओर से भी इस संबंध में बयान जारी किया गया। राजभवन की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी जब 19 जनवरी को मुंबई दौरे पर आये थे तभी राज्यपाल कोश्यारी ने उनसे राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा जाहिर की। राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे संतों,समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि के राज्यसेवक या राज्यपाल के यप में सेवा करने का अवसर मिला।
During the recent visit of the Hon’ble Prime Minister to Mumbai, I have conveyed to him my desire to be discharged of all political responsibilities and to spend the remainder of my life in reading, writing and other activities.
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) January 23, 2023
मुझे पीएम मोदी का हमेशा स्नेह मिला: कोश्यारी
उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी। मुझे प्रधानमंत्री का हमेशा स्नेह मिला। बीते तीन साल के दौरान राज्य की जनता से मिले प्यार को वह कभी नहीं भुला सकेगें। इधर उत्तराखंड के सियासी हलकों में चर्चा है कि कोश्यारी 26 जनवरी के बाद राज्यपाल की कुर्सी छोड़ सकते हैं। गौरतलब है कि कोश्यारी देहरादून में एक मंत्री की पुत्री के विवाह समारोह में शामिल होकर महाराष्ट्र राजभवन लौटे थे। ट्विटर पर राज्यपाल पद छोड़ने का संदेश देकर उन्होनें सबको चौंका दिया।
I have always received the love and affection from the Hon’ble Prime Minister and I hope to receive the same in this regard.
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) January 23, 2023
छत्रपति महाराज को लेकर दिया था विवादित बयान
कोश्यारी ने हाल में छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर बयान दिया था। जिसके बाद उन्हें विपक्ष के साथ-साथ राज्य सरकार के कई नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा। राज्यपाल कोश्यारी ने बीते साल नवंबर में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने दिनों के आइकॉन थे। राज्य में आइकॉन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि, पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकॉन कौन है तो ‘जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी’ का जवाब होता था। महाराष्ट्र में आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां बहुत सारे आइकॉन हैं। जहां छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के हैं, वहीं अंबेडकर और नितिन गडकरी आधुनिक जमाने के आइकॉन हैं।