न्यूज़ डेस्क
शिंदे गुट वाली शिवसेना को अब लगने लगा है कि बीजेपी भविष्य में उसके साथ क्या करने वाली है। यह बात और है कि सीएम शिंदे को भले ही अभी इसका अहसास नहीं हो लेकिन पार्टी के अन्य विधायकों को यह दिख रहा है कि आने वाले समय में या शिंदे गुट का बीजेपी में मर्जर हो सकता है या फिर बीजेपी से अलग होने का ऐलान भी। और ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र में एक और बड़ा खेला हो सकता है।
अचानक इस तरह की कहानी तब सामने आयी है जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ऐलान किया कि अगले विधान सभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन महाराष्ट्र में सरकार बनाएगा। बावनकुले ने बड़ी बात यह कह दी है कि बीजेपी सूबे की 240 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शिंदे गुट 48 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। बावनकुले ने यह भी कहा कि हमारा गठबंधन 200 से ज्यादा सीट जीतेगा और हम सरकार बनाएंगे। बावनकुले इस ऐलान के बाद शिंदे शिवसेना के विधायक संजय शिरसाट ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बावनकुले के बयानों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने इसे ‘अति उत्साह’ में कहा होगा। उधर ,शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि बावनकुले का बयान सभी छोटे दलों को खत्म करने की साजिश का हिस्सा है और शिंदे शिवसेना को भी बख्शा नहीं जाएगा।
इधर ,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा बावनकुले के पेट में जो है, वही उनकी जुबान पर आ गया’ और अब शिंदे को देखना होगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि यह एक संकेत है कि ‘शिंदे समूह’ का भाजपा द्वारा सफाया कर दिया जाएगा। पाटिल ने चेतावनी देते हुए कहा, बीजेपी इस बात पर जोर देगी कि शिंदे शिवसेना को अगला चुनाव उसके (कमल) चिन्ह पर लड़ना चाहिए। यह शिंदे सेना के अंत की शुरुआत होगी। शिंदे शासन का समर्थन करने वाले 10 निर्दलीय विधायकों के नेता बच्चू कडू ने कहा कि हम केवल सरकार को समर्थन की पेशकश कर रहे हैं।
कडू ने घोषणा की, हम केवल शिंदे-देवेंद्र फडणवीस को बाहर से समर्थन दे रहे हैं, और उनके गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। जब हम उनके गठबंधन में शामिल होंगे, तब सीट बंटवारे का मुद्दा सामने आएगा और हम देखेंगे। उधर, बावनकुले ने शनिवार को दलील दी कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। बावनकुले ने कहा, शिवसेना के साथ अब तक किसी सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन हम चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखेंगे।