नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम 856 करोड़ रुपये की लागत से बने भव्य और दिव्य महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना ‘श्री महाकाल लोक’के पहले चरण का उद्घाटन किया। मध्य प्रदेश की उज्जैन स्मार्ट सिटी के तहत 856 करोड़ रुपये की यह परियोजना 2017 में शुरू हुई थी। पीएम मोदी ने ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद इसकी विशेषताओं के साथ उज्जैन की खासियत का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने बतायी महाकालेश्वर की महिमा
प्रधानमंत्री ने महाकालेश्वर और उज्जैन नगरी की महिमा बताते हुए कहा कि यहां 84 शिवलिंग, चार महावीर, छह विनायक, आठ भैरव, अष्ट मातृका, नवग्रह, 10 विष्णु, 11 रुद्र, 12 आदित्य, 24 देवियां और 88 तीर्थ हैं, जिनके केंद्र में राजाधिराज श्री महाकाल विराजमान हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद कार्तिक मेला ग्राउंड में अपने जन संबोधन में कहा कि, शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है, सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है अविस्मरणीय है और अविश्वसनीय हैं।
महाकाल लोक की मुख्य विशेषताएं
प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा, बाबा महाकाल एकमात्र ऐसी ज्योर्तिलिंग है जो दक्षिण मुखी है। यह शिव के ऐसे रूप हैं जिनकी भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है, यहां की भस्म आरती के हर व्यक्ति दर्शन करना चाहता है। हमारे ज्योर्तिलिंग का विकास भारत का आध्यात्मिक विकास है। भारत का अध्यात्मिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुंचकर विश्व के मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है।
910 मीटर के महाकाल लोक में है 108 स्तंभ
महाकाल मंदिर के नवनिर्मित कॉरिडोर में 108 स्तंभ बनाए गए हैं, 910 मीटर का ये पूरा महाकाल लोक इन स्तंभों पर टिका है। महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन की परिकल्पना को जिस सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है, सैकड़ों वर्षों के बाद उसे यहां साकार किया गया है।
कॉरिडोर में दो राजसी प्रवेश द्वार
नवनिर्मित कॉरिडोर में आपको नंदी द्वार और पिनाकी द्वार नजर आएंगे। यहां बलुआ पत्थरों से बने जटिल नक्काशीदार 108 अलंकृत स्तंभों की एक आलीशान स्तम्भावली, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से अधिक भित्ति-चित्रों की एक श्रृंखला नजर आएगी।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा है महाकाल लोक
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक उज्जैन के इस कॉरिडोर के बनने के बाद महाकाल मंदिर परिसर दस गुना बड़ा हो गया है। पहले यह केवल 2 हेक्टेयर में फैला था लेकिन अब यह 20 हेक्टेयर में फैल गया है। पहले चरण में महाकाल लोक को 316 करोड़ रुपये में विकसित किया गया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 5 एकड़ में बना है, यानी महाकाल कॉरिडोर उससे 4 गुना बड़ा है।
कॉरिडोर में 200 मूर्तियां और भित्ति चित्र
महाकाल लोक कॉरिडोर में भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हर एक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे।
देश में सबसे लंबी भित्ति चित्र वाली दीवार
पूरे कॉरिडोर में देश की सबसे लंबी भित्ति चित्र वाली दीवार है। इस दीवार पर पत्थरों पर शिव कथाएं उकेरी गई हैं। महाकाल लोक दो हिस्सों में बना है। एक तरफ पैदल पथ और दूसरी तरफ ई-कार्ट पथ। बच्चे, वृद्ध, दिव्यांग और महिलाओं के लिये ईकार्ट की व्यवस्था निरूशुल्क की गई है। दोनों पथ के बीच 108 शिवस्तंभ शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। यह स्तंभ साधारण नहीं हैए हर स्तंभ पर शिव की नृत्य मुद्रा अंकित है। इन्हीं पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं।
कॉरिडोर में शॉपिंग कॉम्पलेक्स भी
महाकाल लोक में शॉपिंग कॉम्पलेक्स भी बनाया गया है, जहां फूलए प्रसाद से लेकर धर्म और संस्कृति से जुड़ी विभिन्न वस्तुओं की दुकानें हैं। कॉम्पलेक्स के समीप फेसिलिटी सेन्टर क्रमांक-2 स्थित हैए, जहां जूते, चप्पल और बैग जमा करने की व्यवस्था की गई है। समीप ही शौचालय और नाश्ते तथा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी की गई है। महाकाल लोक में देश का पहला नाईट गार्डन बनाया गया है, जहां दिन में भी रात्रि का एहसास होता है। गोलाकार नाईट गार्डन के बीच शिव की विशाल ध्यानमग्न प्रतिमा बनाई गई है। इसके ठीक सामने के हिस्से में नीलकंठ परिसर है। लगभग 20 एकड़ में फैले महाकाल लोक में आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है।