अखिलेश अखिल
हे राष्ट्रपति महोदया , हम भारत की गरीब जनता आपके सामने कुछ अर्जी लेकर आए है। हमारे मन में तो सवाल बहुत से हैं लेकिन अभी हम सबसे ज्यादा देश की चर्चित और देश की आन , बान और शान माने जाने वाली कारोबारी घराना अदानी समूह पर लगे अमेरिकी रिसर्च फर्म के आरोपों से गहरे सदमे में हैं। हम मूर्ख लोग समझ नही पा रहे है कि आखिर देश की इतनी सम्मानित कंपनी पर झूठा आरोप कैसे लग गया ?हम गहरे सदमे में हैं। जिस कंपनी के साथ हमारे प्रधानमंत्री के संबंध कायम हों ,जिस कंपनी को आगे बढ़ाने में हमारे प्रधानमंत्री अक्सर लगे रहे हों ,जिस कंपनी पर विश्वास करके देश की कई सार्वजनिक कंपनियों को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी गई हो ,जिस कंपनी को आगे बढ़ाने में हमारे बैंको ने कर्ज देने के नाम पर खजाना खोल दिया हो और जिस कंपनी ने भारत के विकाश का ठेका लिया हो भला इस कंपनी को कोई बदनाम करे ,यह हम देख सुन नही सकते ।
अडानी समूह पर हिंडेनवर्ग ने जितने आरोप लगाए है वे किसी शूल से कम नहीं। लगता है ये आरोप देश के सीने को भेद रहे हैं। अमेरिकी कंपनी ने 106 पेज की रिपोर्ट में अडानी समूह को धोखेबाज और घोटालेबाज तक बताया है। यह सुनकर हम मरमहित भी हैं और शर्मिंदा भी। इसलिए आपसे प्रार्थना है कि इस खेल के पीछे का सच क्या है आप हमे बताइए। हम देश के गरीब गुरबा देश की राजनीति से ऊब गए हैं। हमे नेताओं से न पहले कोई उम्मीद थी ,न आज है। सभी नेता और मंत्री तो झूठ बोलते है और हमे झांसा भी देते हैं। प्रधानमंत्री भी कभी कभी ऐसी आस देते है कि हम फूलकर पहले तो गुब्बारा हो जाते है और थोड़े समय के बाद ही ठंडा पड़ जाते है। इसलिए राजनीति से अलग अडानी समूह को सच्चाई अब हम आपके जरिए ही जानना चाहते हैं। आखिर आप ही हमारे पहले और अंतिम माई बाप हैं।
है महामहिम! आप देश के प्रथम नागरिक है और विद्वान भी। आप सर्वज्ञता है और संविधान के प्रतीक भी। आप के नाम पर ही इस राष्ट्र की नींव है तो आपका कहा हर वाक्य कानून भी। ऐसे में आपसे से हम प्रार्थना करते है कि दो तो बातो की जानकारी हमे मिल जाए तो भारत और इस देश से जुड़े सवाल जो हमारे मन में है वह साफ हो जाएगा। पहला सवाल तो यही है कि क्या अडानी की पहचान भारतीय राष्ट्र के रूप में है। अडानी ने खुद को अमेरिकी कंपनी को कहा है कि रिसर्च कंपनी ने भारत और भारतीय राष्ट्र को कमजोर करने की कोशिश की है। ऐसे में हम दुविधा में है कि जब कोई कारोबारी पर इल्जाम लगा तो वह देश पर इल्जाम कैसे होगा ? अडानी अगर भारत है और अडानी पर हमला भारत पर हमला है तो हम नागरिकों पर को आए दिन तरह तरह के हमले होते है उसे क्या कहा जाए। है तो अभी तक तो यही जानते थे कि कोई भी राष्ट्र देश के नागरिकों और संस्कृति और संपदा से निर्मित होती है और उसमे नागरिकों को भूमिका सर्वोपरि होती है।लेकिन कोई कारोबारी राष्ट्र कैसे हो सकता है ,हमारे गले नही उतर रहा है ।आप मार्गदर्शन करें महामहिम ।
ही संविधान ज्ञाता ! हमारे पास कुछ पहले के उदाहरण है। सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर करीब तीन दर्जन से ज्यादा कंपनियों ने देश का करीब ढाई लाख करोड़ ले कर देश को छोड़ दिया। उन कंपनियों को भी इसी सरकार ने अपनी सिफारिश से कर्ज दिलाने का काम किया था। ये कंपनियां भी बहुत से सामाजिक और आर्थिक काम करने का स्वांग करती थी।बड़े बड़े खेल का आयोजन भी। राष्ट्रवादी कहलाती थी। लेकिन सन भाग गए। अब कोई उसके बारे में बात भी नही करता। हमारी सरकार ने उनके कर्ज को भी माफ कर दिया और और वे लोग विदेशो में बैठकर भारत पर ठहाका लगा रहे हैं। है पर हंस रहे है। कही इन्ही कारोबारियों को तरह ही अडानी भी भाग गए तो क्या होगा ? कोई इसकी जिम्मेदारी लेगा की नही ?
हे महामहिम! हमारी चिंता अदानी में नही है। हमारी चिंता तो देश से लिए कर्ज को लेकर है। सुना है कि अडानी ने देश के बैंको और एलआईसी से ढाई लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया है। अगर यह भाग गया तो हमारी बैंक में जमा कुछ सौ दो सौ की राशियां भी खत्म हो जाएगी। हम तो पहले से कंगाल थे ही अब मरने के बाद कफन भी नही मिलेगा। ऐसे में कुछ ऐसा कीजिए जिससे हमारी हिम्मत बढ़े।
ही राष्ट्रपति महोदया ! हम अक्सर आपको सुनते है। आपको देखकर लगता है कि आप में भारत माता की छवि है। पिछले दिनों आपने जेल में बंद कैदियों को जो कहानी बताई हम रो पड़े थे। आप इनके लिए कुछ कीजिए। लेकिन देश के भीतर की झूठी राजनीति को रोकिए। अडानी पर जो आरोप लगे है उसकी जांच तो होनी चाहिए ताकि भारत की बदनामी न हो। देश को असली कहानी देखने को मिले। जब जांच ही नही होगी तो कैसे पता चलेगा कि अडानी गलत और धोखेबाज है या फिर उस अमेरिकी कंपनी की मंशा गलत है।
आपकी आज 31 जनवरी का भी हमे अभिभाषण सुना। बड़ा अच्छा लगा। पता चला कि देश खूब आगे बढ़ रहा है। हमारी सरकार को हमारी बहुत चिंता है। लेकिन सच यह भी बता दूं कि हम गरीब लोग आज भी बहुत दुखी हैं। हमारे बच्चे बेरोजगारी से तंग आकर जान की बाजी लगाने को तैयार हो जाते है।हम हमेशा डरे रहते हैं। इसलिए हमारी प्रार्थना पर आप कृपा कीजिएगा।
सादर प्रणाम
हम देश के गरीब गुरवा वोटर