Homeदेशभगवान सूर्य समस्त संभावनाओं के देवता, करें अर्घ्य दान

भगवान सूर्य समस्त संभावनाओं के देवता, करें अर्घ्य दान

Published on

हमारी सृष्टि की समस्त संभावनाएं सूर्य देव में समाहित है। जैव निर्माण की बात तो खैर बगैर सूर्य देव के कृपा की कल्पना ही नहीं की जा सकती है, अजैव निर्माण भी सूर्यदेव के सूर्याताप के माध्यम से संभव हो पाता है। दूसरे शब्दों में सृष्टि में जहां, जो कुछ संभव हो रहा है, उसके पीछे कहीं ना कहीं सूर्य की प्रखर रश्मियों का ही कमाल है।

जब ब्रह्मांड की समस्त ऊर्जा शिव में बिंदुवत होकर समाहित थी तब ना तो दिशा थी और ना ही हवा थी, जल था और आग भी नहीं था।कहीं भी किसी प्रकार के जीव का कोई लक्षण नहीं था, यहां तक की खेत – खलिहान ,पहाड़- पत्थर,रेगिस्तान -दलदल कहीं कुछ भी नहीं था।

ऐसे में जब शिव के मन में सृष्टि संचार का भाव उत्पन्न हुआ तो अपने निर्माण के चरण में उन्होंने सबसे पहले भगवान सूर्य देव की रचना की और इसके साथ ही पहला दिन सूर्य को समर्पित रविवार का निर्माण हुआ और फिर कालांतर में दिशा ,हवा,पानी और तरह तरह के जीवों समेत उन सभी चीजों का निर्माण प्रारंभ हुआ जिसमें से कईयों को हम आज देख पा रहे हैं और कइयों को हमारी भावी पीढ़ियां देखेंगी । सूर्य देव शाश्वत रूप से तमाम निर्माण और विध्वंश के कार्यों में भगवान शिव की आज्ञानुसार लगे हुए हैं ।

हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का कितना महत्व है इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि जब रात्रि की घोर अंधेरे में हम नींद में शववत हो जाते है। हम इस स्थिति से तबतक मुक्त नहीं हो पाते हैं , जबतक कि सूर्य की प्रथम रश्मि हमारे वातावरण में आकर ऊर्जा के प्रवाह से हममें प्राणों का नवसंचारकर नींद से हमें जागृत न कर दे।

ऐसे में सूर्य देव की विशेष कृपा हम पर हमेशा बनी रहे और हम रोग- दोष आदि से मुक्त रहें, इसके लिए शास्त्रों में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान बताया गया है। आमतौर पर सनातन धर्म पद्धति में बैठकर पूजा करने का रिवाज है लेकिन सूर्य देव की पूजा में आग दान खड़ा होकर किया जाता है। दरअसल जब हम खड़ा होते हैं तो हमारे शरीर के मूलाधार से लेकर शहस्त्त्रार तक की सातों कुंडलियां जागृत हो जाती है जिससे हमारे शरीर के अंदर सूर्य के तेज का प्रभाव पड़ता है।

 

 

भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा का विधान है। सूर्य देव की आराधना के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। हालांकि सूर्य पूजा हर दिन फलदायी मानी गई है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान सूर्य को जल चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। अक्सर आपने लोगों को देखा होगा कि लोग खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, जबकि हिंदू धर्म में पूजा-पाठ बैठकर करने का विधान है। दरअसल, खड़े होकर जल चढ़ाने से शरीर के सातों चक्र जागृत हो जाते हैं, जिनसे हमारे अंदर तेज का प्रवेश होता है।
साथ ही इससे शरीर और मन के अंदर की नकारात्मकता का अंत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं बैठकर जल चढ़ाने को लेकर कहा जाता है कि जल पैरों को छु जाता है, जिसके चलते अर्घ्य की पवित्रता नष्ट होती है और दोष उत्पन्न होता है।

भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय
ॐ खगय नम:
ॐ पुष्णे नम:
ॐ मारिचाये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सावित्रे नम:
ॐ आर्काय नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ मित्राय नम:
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Latest articles

दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने जारी की 11 उम्मीदवारों की सूची

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों का पहला लिस्ट...

Womens Asian Champions Trophy 2024 Final:भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर रचा इतिहास, चीन को 1-0 से हराया

न्यूज डेस्क भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी...

Weather Report: दिल्ली समेत कई राज्यों में कोहरे और ठंड का डबल अटैक, जाने अपने राज्य का हाल…

न्यूज डेस्क उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में ठंड ने दस्तक दे दी है।...

More like this

दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने जारी की 11 उम्मीदवारों की सूची

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों का पहला लिस्ट...

Womens Asian Champions Trophy 2024 Final:भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर रचा इतिहास, चीन को 1-0 से हराया

न्यूज डेस्क भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी...

Weather Report: दिल्ली समेत कई राज्यों में कोहरे और ठंड का डबल अटैक, जाने अपने राज्य का हाल…

न्यूज डेस्क उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में ठंड ने दस्तक दे दी है।...