न्यूज़ डेस्क
बीते दिनों इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा था कि कुछ रिटायर जज एंटी इंडिया गैंग के हिस्सा हो गए हैं। अब इस बयां के खिलाफ तीन सौ से ज्यादा वकीलों और रिटायर जजों ने केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के खिलाफ खुला पत्र लिखा है और कहा है कि मंत्री अपना बयान वापस ले। इस पत्र पर तीन सौ से ज्यादा वकीलों ने हस्ताक्षर किये हैं और मंत्री के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि मंत्री ने जजों को धमकाने की कोशिश की है। जिन बड़े वकीलों ने पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं उनमे कपिल सिब्बल ,अभिषेक मनु सिंघवी ,दुष्यंत दबे ,इंदिरा जय सिंह ,राजू रामचंद्रन ,अरविन्द दातार और राजशेखर राव जैसे नाम शामिल हैं।
गौरतलब है कि रिजीजू ने ‘इंडिया टुडे’ के कॉन्क्लेव में रिटायर जजों को लेकर कहा था कि कुछ रिटायर जज एंटी इंडिया ग्रुप का हिस्सा बन गए हैं। इस बयान का विरोध करते हुए वकीलों के समूह ने एक बयान जारी कर कहा कि एक मंत्री का धौंस जमाना और जजों को धमकाना शोभा नहीं देता। वकीलों ने कहा है- सरकार की आलोचना करना न तो राष्ट्र के खिलाफ होता है और न ही देशद्रोही गतिविधि है।
वकीलों का कहना है कि रिटायर जजों को धमकी देकर कानून मंत्री लोगों को मैसेज दे रहे हैं कि विरोध के किसी भी स्वर को बख्शा नहीं जाएगा। वकीलों ने कहा है कि एक सांसद के नाते रिजीजू ने संविधान की रक्षा की शपथ ली है और कानून व न्याय मंत्री के तौर पर उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे न्यायपालिका और न्यायाधीशों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। वकीलों की चिट्ठी में कहा गया है कि मौजूदा और रिटायर दोनों तरह के जजों की सुरक्षा केंद्रीय कानून मंत्री की जिम्मेदारी है। वकीलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के हवाले कानून मंत्री को बताया है कि सरकार की कड़ी से कड़ी आलोचना होनी चाहिए। इसी से सरकार अलर्ट रहती है और जवाबदेह भी रहती है।
वकीलों के निशाने पर कानून मंत्री किरन रिजिजू ,वकीलों ने कहा मंत्री अपना बयान वापस ले
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