प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन(सीएलईए)और कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस(सीएएसजीसी) 2024 में क्रिप्टोकरेंसी पर बड़ा हमला बोला है।उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरंसी के उदय से साइबर क्राईम के साथ-साथ कई अन्य प्रकार की नई चुनौतियां भी खड़ी हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने इस सम्मेलन में उपस्थित सभी देशों से जांच और न्याय दिए जाने की प्रक्रिया में सहयोग देने का आह्वान भी किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाय चंद्रचूड़ भी मौजूद थे।
नागरिकों में कानून का भय के बजाय न्याय का भरोसा
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत वर्तमान वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए कानून का आधुनिकरण भी कर रहा है।अब तीन नए कानून ने 100 साल से अधिक पुराने औपनिवेशिक आपराधिक कानून की जगह ले ली है। पहले सजा और दंडात्मक पहलुओं पर ध्यान था, अब ध्यान न्याय को प्रोत्साहित करने पर जोर है। इसलिए नागरिकों में भय की जगह आश्वासन की भावना है।
बदलते परिवेश में कानूनी शिक्षा में बदलाव की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समय कानूनी शिक्षा को भी बदलने का है और कानूनों को बदलते समय और प्रौद्योगिकियों के अनुरूप ढालने की जरूरत है। हमारा ध्यान अपराध के नए रूपों को समझाने पर है।हमें बड़े अंतरराष्ट्रीय एक्स्पोज़र के साथ युवा कानूनी पेशेवरों की मदद करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कभी-कभी एक देश में न्याय सुनिश्चित करने के लिए अन्य देशों के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। जब हम सहयोग करते हैं तो हम एक दूसरे के सिस्टम को बेहतर ढंग से समझते हैं ।बेहतर समझ बेहतर तालमेल लाती है और बेहतर तालमेल तेजी से न्याय प्रदान करता है।
अफ्रीका को मदद करेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि आज में आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप अतुल्य भारत का पूरा अनुभव लें।यहां अफ्रीका से अनेक लोग आए हैं।अफ्रीकी संघ के साथ भारत के विशेष संबंध है।इससे अफ्रीका के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।हमें गर्व है कि अफ्रीकी संघ भारत की अध्यक्षता के दौरान जी – 20 का हिस्सा बना था।