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केदारनाथ के गर्भगृह में मढ़े सोने को लेकर चल रहे विवाद में कांग्रेस ने संगठित टैक्स चोरी की आशंका जताई है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि जब वर्ष 2025 मे मिले सोन का रंग उतर चुका था, तो इस बार मंदिर समिति ने सोने की जांच किए बिना दानदाता को टैक्स छूट का सर्टिफिकेट कैसे दिया? ऐसे प्रकरणों की जांच को एसआईटी गठित की जानी चाहिए। उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेतृत्व ने बुधवार को एक मंच पर आकर सोना विवाद में मंदिर समिति की भूमिका पर सवाल उठाए।
पूर्व में बीकेटीसी के अध्यक्ष रह चुके गोदियाल ने कहा कि उनके कार्यकाल में भी एक कारोबारी ने उनके सामने आयकर छूट के बदले बद्रीनाथ मंदिर को 500 किलो सोना देने का प्रस्ताव रखा था। उस व्यापारी ने बताया कि उसने वर्ष 2005 मे भी मंदिर समिति को 50 किलो सोना दिया था, पर मंदिर समिति की और से टैक्स छूट का सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने से उसे नुकसान उठाना पड़ा। बकौल गोदियाल बाद में बद्रीनाथ पहुंचकर मैने पाया कि गर्भगृह के बाहरी खंबों पर मढ़ा गया सोना जैसे तांबा बन चुका था। ऐसे में व्यापारी के सामने शर्तें रखी कि वो एमएमटीसी से प्रमाणित सोना दे। इस पर व्यापारी अपनी बात से मुकर गया।
गोदियाल ने आरोप लगाया कि हालिया मामले में तो मंदिर समिति ने व्यापारी को 23 किलो सोना दान देने के एवज मे आयकर छूट का सर्टिफिकेट भी दिया गया। जब पूर्व में बद्रीनाथ में सोने की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने जैसा मामला सामने आ चुका था तो इस बार केदारनाथ में सोना लगवाने से पूर्व जांच क्यों नहीं कराई गई? जबकि दान में मिली धातु की जांच के लिए मंदिर समिति के पास अपने ज्वैलर होते हैं। उन्होंने पूछा क्या समिति के पास अपने ज्वैलर होते हैं। उन्होंने पूछा क्या समिति के स्टॉक रजिस्टर में दर्ज किए जाने से पहले सोने का वास्तविक वजन लिया गया? ऐसे में कांग्रेस सरकार के साथ एक सहयोगी संस्था के तौर पर इस प्रकरण से पर्दा उठाना चाहती है। इसके लिए आयकर विभाग धातु विशेषज्ञ ईडी व पुलिस के अधिकारियों का उच्चस्तरीय जांच दल बनाया जाए।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मंदिर समिति अब इसके लिए एएसआई की आड़ ले रही है। एएसआईको स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वो सोने की जांच के लिए विशेषज्ञ संस्था है?पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंदिर समिति के कामकाज पर उठाए जा रहे हैं सवालों को आस्था पर हमला बताते हुए जिम्मेदारी से बच रहे हैं।