विकास कुमार
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। मंदिर समिति ने पूरी तैयारी के साथ पूजा पाठ के बाद धाम के कपाट बंद कर दिए। इस खास मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमड़ी। अब बाबा केदार के कपाट अगले छह महीने के लिए बंद हो गए हैं। अब आने वाले छह महीना तक बाबा केदार ओंकारेश्वर मंदिर में विराजेंगे। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था। इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊँ नमः शिवाय के उद्घोष से केदारनाथ गूंज उठा।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हो गई है। आर्मी के 6 ग्रिनेडियर के बैंड की धुन के साथ अपने शीतकालीन गद्दी स्थल के लिए रवाना हुई। 17 नवंबर को डोली अपने शीत कालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर मे विराजमान होगी।
इस वर्ष उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं। सबसे बड़ी बात ये रही कि इस साल बिना किसी बड़े हादसा के यह यात्रा संपन्न हुई है।