Homeदेशकर्नाटक का फैसला: परिणाम बदले तो भविष्य की सियासत भी बदल जाएगी...

कर्नाटक का फैसला: परिणाम बदले तो भविष्य की सियासत भी बदल जाएगी !

Published on


अखिलेश अखिल 

अभी से थोड़ी देर बात कर्नाटक में वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। आठ बजे से मतगणना की प्रक्रिय शुरू है और इसकी पूरी तयारी की गई है। सभी पार्टी के एजेंट मतगणना केंद्र पर तैनात हैं और मतगणना अधिकारी भी अलर्ट। सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है।  देश की राजनीति में इस चुनावी परिणाम के बड़े असर पड़ने वाले हैं। कांग्रेस की जजेट होती है तो उसे संजीवनी मिलेगी। आगे की राजनीति उसके लिए आसान होगी ,गठबंधन की अगुवाई करने का मौका मिलेगा ,लोकसभा चुनाव पर इसके असर होंगे। और बीजेपी की जीत हो गई तो उसके भी कई मायने होंगे। बीजेपी की जीत का मतलब तो यही होगा कि दक्षिण की राजनीति उसके लिए सुगम हो जाएगी और  जलवा स्थापित होगा और फिर इसके दूरगामी प्रभाव भी होंगे।  इसलिए कर्नाटक का यह चुनाव परिणाम कोई मामूली नहीं होने वाला है। यह देश की राजनीति को बदलने वाला होगा।              
कांग्रेस की जीत से केंद्र में न सिर्फ भाजपा विरोधी मजबूत गठबंधन की संभावना को मजबूती मिलेगी, बल्कि कांग्रेस की विपक्ष की अगुवाई की दावेदारी भी मजबूत होगी। इसके उलट कांग्रेस अगर हारी तो विपक्षी एकता की मुहिम कमजोर पड़ने के साथ विपक्ष की अगुवाई करने संबंधी कांग्रेस का दावा कमजोर होगा। चूंकि इस समय कर्नाटक में लोकसभा की 28 में से 25 सीटें भाजपा के पास हैं, ऐसे में भाजपा की हार से इसका असर उसके लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है। उधर भाजपा अगर राज्य में सत्ता बरकरार रखती है तो पार्टी की अजेय छवि और मजबूत होगी। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर होगा और प्रधानमंत्री मोदी का दक्षिण के राज्यों में प्रभाव मजबूत होगा।     
कांग्रेस की हार का मतलब है कि गांधी परिवार की प्रासंगिकता पर फिर सवाल उठेंगे। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गृह राज्य होने के कारण उनके नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल खड़े होंगे। जीत की स्थिति में विपक्ष की अगुवाई करने का कांग्रेस का दावा मजबूत होगा। खड़गे का राजनीतिक कद बढ़ेगा। इसके अलावा गांधी परिवार से जुड़े राहुल गांधी की प्रासंगिकता बची रहेगी।
               राज्य में तीसरी बड़ी राजनीतिक ताकत जेडीएस  की प्रासंगिकता तभी बचेगी जब जनादेश खंडित हो और पार्टी किंगमेकर के रूप में उभरे। खासतौर पर कांग्रेस की सरकार बनने और डीके शिवकुमार को सरकार की कमान मिलने के बाद पार्टी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। वह इसलिए कि शिवकुमार उसी वोक्कालिगा समुदाय से हैं, जिसकी राजनीति जदएस करती आई है। ऐसे में यह चुनाव जदएस के अस्तित्व से भी जुड़ा हुआ है।     
अगर एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक खंडित जनादेश के साथ जेडीएस  किंगमेकर बनी तो भविष्य की जंग दिलचस्प होगी। भाजपा-कांग्रेस दोनों जेडीएस  को साधना चाहेंगे। जोड़तोड़ की राजनीति चरम पर होगी और फिर लोकतंत्र का एक ने नमूना भी देखने को मिल सकता है। 

Latest articles

शुभमन गिल करें पहल, जल्द सुधारें फील्डिंग , ब्रैड हैडिन

भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में शुरुआती...

वजीरिस्तान में हमला, 13 सैनिकों की मौत, 29 लोग घायल

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में एक भीषण आत्मघाती हमला हुआ है, जिसमें 13...

जुलाई से बदल रहा Tatkal Ticket का नियम, IRCTC पर फौरन कर लें यह काम

IRCTC ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव किया है।अब टिकट बुक करना...

तेजस्वी के साथी दल कर रहे 174 सीटों की मांग, कैसे करेंगे मैनेज, मचेगा घमासान!

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारा को लेकर सभी दलों ने...

More like this

शुभमन गिल करें पहल, जल्द सुधारें फील्डिंग , ब्रैड हैडिन

भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में शुरुआती...

वजीरिस्तान में हमला, 13 सैनिकों की मौत, 29 लोग घायल

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में एक भीषण आत्मघाती हमला हुआ है, जिसमें 13...

जुलाई से बदल रहा Tatkal Ticket का नियम, IRCTC पर फौरन कर लें यह काम

IRCTC ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव किया है।अब टिकट बुक करना...