आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैलाश गहलोत बीजेपी में शामिल हो गए। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी वहां मौजूद थे।
बीजेपी में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा कि लोग सोचते होंगे कि मैने किसी के दबाव में आकर यह फैसला लिया है, लेकिन मैं बता दूं कि मैंने जीवन में कभी दबाव में कोई काम नहीं किया है। सुनने में आ रहा है कि ऐसा कहा जा रहा है कि ईडी और, सीबीआई के दबाव में मैंने ऐसा कर दिया, लेकिन ऐसा नहीं है।
कैलाश गहलोत ने कहा कि वकालत छोड़कर मैं आम आदमी पार्टी से जुड़ा। अन्नाजी के वक्त से जुड़ा था। हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं ने अपनी नौकरी और काम छोड़ा। हम एक विचारधारा से जुड़े, एक पार्टी और एक व्यक्ति में हमें उम्मीद दिखी थी। लगातार दिल्लीवासियों की सेवा के मकसद से जुड़ा था, राजनीति से जुड़ने का सिर्फ यही मकसद था।
उन्होंने कहा कि जब अपनी आंखों के सामने जिन मूल्यों के लिए पार्टी जॉइन की थी, उनके साथ समझौता होते देखता हूं तो कष्ट होता है। मेरी पीड़ा है और हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं की यही भावना है। आम आदमी की सेवा के लिए जुड़े थे, लेकिन लगता है कि वे सभी आम आदमी खास हो गए हैं।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैलाश गहलोत के पार्टी छोड़ने पर कहा कि वे अपना फैसला लेने के लिए आजाद हैं। उन्हें जहां जाना हो जाएं।
आप नेता संजय सिंह ने कैलाश गहलोत के इस्तीफे पर कहा कि दिल्ली चुनाव से पहले मोदी वॉशिंग मशीन एक बार फिर से सक्रिय हो गई है। अब कई नेता इस मशीन के जरिए बीजेपी में शामिल किए जाएंगे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कैलाश गहलोत के आप से इतीफा देकर बीजेपी में जाने को लेकर कहा कि यह बीजेपी का गंदा षड्यंत्र है। बीजेपी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव ईडी और सीबीआई के बल पर जीतना चाहती है।’
गहलोत ने केजरीवाल को 4 पॉइंट वाली एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है। पार्टी के सामने उन्हीं मूल्यों की चुनौतियां हैं जो हम आप में एक साथ लेकर आए थे। राजनीतिक महत्वाकांक्षा लोगों के प्रति प्रतिबद्धता से आगे निकल गई है और कई वादे अधूरे रह गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने यमुना को स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन हम ऐसा कभी नहीं कर पाए। अब यमुना नदी पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है। लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने में भी कठिनाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल का नया बंगला जैसे कई शर्मनाक विवाद हैं, जो लोगों को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अब भी आम आदमी हैं या नहीं। यह साफ है कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में लगाती रहेगी तो दिल्ली का कुछ नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा दिल्ली के लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ शुरू की थी और मैं ऐसा करना जारी रखना चाहता हूं। यही कारण है कि मेरे पास आप से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा और मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
जेल से छूटने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नए मुख्यमंत्री की रेस में कैलाश गहलोत का भी नाम था। हालांकि, पार्टी ने आतिशी को मुख्यमंत्री का पद सौंपा।
कैलाश गहलोत दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के विवाद के बाद सुर्खियों में आए थे। केजरीवाल चाहते थे कि आतिशी उनकी जगह झंडा फहराएं। वहीं एलजी ने कैलाश गहलोत को चुना था। तब कैलाश गहलोत ने भावुक होते हुए केजरीवाल को ‘आधुनिक स्वतंत्रता सेनानी’ बताया था। गहलोत के एलजी से भी अच्छे संबंध थे। उनके मंत्रालय की फाइल कभी भी राजभवन में अटकती नहीं थी।
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा दिल्ली के शराब घोटाले में कैलाश गहलोत का भी नाम आया था। ईडी उनसे भी पूछताछ कर चुकी है। वे एक आयकर विभाग की जांच के शिकार हो चुके हैं। टैक्स चोरी के एक मामले में उनसे जुड़े ठिकानों की तलाशी भी ली गई थी।
दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि कैलाश गहलोत ने इस्तीफे में स्पष्ट लिखा है कि भ्रष्टाचार के कारण आम आदमी पार्टी और सरकार में रहना संभव नहीं है। केजरीवाल गैंग की लूट और झूठ के खिलाफ कैलाश गहलोत का यह कदम स्वागत योग्य है। दिल्ली की हर विधानसभाओ के कार्यकर्ता अब पार्टी छोड़ रहें हैं।