नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने आज देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सीजेआई यूयू ललित की जगह ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज सुबह राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में चंद्रचूड़ को प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण कराई। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सुप्रीम कोर्ट के जज, केंद्रीय मंत्री समेत तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा।
दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई। pic.twitter.com/lXjYzGcy1W
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2022
डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई
डीवाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। उनका पूरा नाम ‘धनंजय यशवंत चंद्रचूड़’ हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित InLaks स्कॉलरशिप की मदद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। हार्वर्ड में, उन्होंने लॉ में मास्टर्स (LLM)और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट पूरी की।
साल 2000 में पहली बार जज बने थे चंद्रचूड़
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ 2016 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। उससे पहले वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे। जज के रूप में उनकी पहली नियुक्ति साल 2000 में बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई थी। उससे पहले 1998 से 2000 तक वह भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसीटर जनरल रहे। उन्होंने 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने प्रतिष्ठित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की।
चंद्रचूड़ के पिता भी रह चुके हैं भारत के चीफ जस्टिस
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी भारत के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ सबसे लंबे समय के लिए इस अहम पद पर रहे। वह 1978 से 1985 यानी 7 साल तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे।