देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ भू-धंसाव की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को 11 और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। शहर की जमीन में दरार पड़ने और धंसने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, घरों को फोड़कर पानी बह रहा है। लोगों के घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। अस्थायी राहत शिविरों में जाने वाले 11 और परिवारों के साथ खाली कराए गए घरों की कुल संख्या 65 हो गयी है। जोशीमठ को भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है।
Joshimath land subsidence | Cracks observed on 603 buildings, 68 families relocated. #Uttarakhand pic.twitter.com/hoCBAvQzBY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
अब तक 603 इमारतों में आ चुकी है दरारें
चमोली जिला प्रशासन ने शनिवार को कहा कि जोशीमठ शहर के नौ वार्डों में अब तक 603 इमारतों में दरारें आ चुकी हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर स्थिति की जानकारी ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोशीमठ की स्थिति के साथ ही वहां चल रहे राहत और बचाव कार्यों की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री धामी से ली।
पीएम मोदी ने दिया जोशीमठ को बचाने का हरसंभव मदद का भरोसा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। टेलीफोन पर हुई बातचीत में पीएम मोदी ने जोशीमठ के हालात का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा।
प्रधानमंत्री ने फोन पर विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ, लोगों के विस्थापन के लिए क्या किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, देहरादून pic.twitter.com/qdAjDZkuYi
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पीएमओ ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
प्रधानमंत्री कार्यालय भी भू-धंसाव मुद्दे पर अपनी नजरें बनाए हुए है तथा एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। पीएमओ की बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने स्थिति की समीक्षा की। इसमें उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ मामले पर पीएमओ को जानकारी देते हुए बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
Joshimath land subsidence: PM Modi speaks to Uttarakhand CM; inquires about rehabilitation of affected residents
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केंद्र की एजेंसियां कर रही राज्य सरकार की मदद
बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं। एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं।
कल जांच के लिए जोशीमठ का दौरा करेंगी एजेंसियां
Centre constitutes team of experts from seven organisations to study, give recommendations on Joshimath situation
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सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य कल उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम हालात का जायजा लेकर रिपोर्ट पेश करेगी।
डीएम चमोली ने की प्रभावितों को राहत केंद्रों में जाने की अपील
जो लोग असुरक्षित क्षेत्रों में बचे हैं उनके सामान की शिफ्टिंग के लिए सभी सेक्टरों में सेक्टर ऑफिसर नामित किए गए हैं। उनके साथ SDRF की टीम है, नगर पालिका और राजस्व विभाग के लोगों को भी लगाया गया है: ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना, चमोली, उत्तराखंड pic.twitter.com/RvXKCBcDp9
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गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने हिमालयी शहर में चार-पांच स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं और कम से कम 90 और परिवारों को निकाला जाना है। इस बीच चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर गए और दरार वाले मकानों में रह रहे लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की।