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जोशीमठ आपदा: तीन जोन में बांटा गया शहर,आज से गिराये जाएंगे जर्जर भवन,गृहमंत्रालय की टीम करेगी दौरा

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देहरादून: आपदा प्रभावित जोशीमठ में दरारग्रस्त मकानो को आज से तोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-धंसाव की चपेट में आये सभी परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 68 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिप्ट किया जा चुका है। वहीं मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा है कि जिन भवनों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है उन्हें गिरा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन खतरे वाले और मध्यवर्ती क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर रहा है। जोशीमठ के 9 वार्डों को डूब क्षेत्र घोषित किये जाने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में बचाव के लिए उन्होंने सामूहिक प्रयास करने की अपील की है।

राज्य सरकार ने जोशीमठ को बांटा तीन जोन में

राज्य सरकार ने जोशीमठ को 3 जोन में बांटने का फैसला किया है। इनके नाम- डेंजर, बफर और सेफ जोन होंगे। जोन के आधार पर मकानों की मार्किंग की जाएगी। डेंजर जोन में ऐसे मकानों को शा​मिल किया गया है जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं। ऐसे मकानों को मैन्युअली गिराया जाएगा, जबकि सेफ जोन में वैसे घर होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और जिसके टूटने की आशंका बेहद कम है। वहीं, बफर जोन में वो मकान होंगे, जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है।

आज से ही गिराए जाएंगे जर्जर भवन

चमोली जिले के जिलाधिकारी हिमांंशु खुराना ने बताया कि जो मकान रहने लायक नहीं है, उन्हें आज से ही गिराने की प्रकिया शुरू होगी। ये काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की की मॉनिटरिंग में किया जाएगा। गृह मंत्रालय की एक टीम भी आज पहुंचेगी। 81 परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है।

भूगर्भ वैज्ञानिकों ने चेताया, असरदार कदम नहीं उठाये तो मिट सकता है जोशीमठ का अस्तित्व

जांच के लिए पहुंचे भूगर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि जोशीमठ अलकनंदा नदी की ओर खिसक रहा है। इसकी जद में सेना की ब्रिगेड, गढ़वाल स्काउट्स और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की बटालियन भी है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि तुरंत असरदार कदम नहीं उठाए गए, तो बड़ी प्राकृतिक आपदा आ सकती है। इसमें जोशीमठ का वजूद ही मिट सकता है।

शंकराचार्य ने दाखिल की सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल

ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की है। उन्होंने कहा- पिछले एक साल से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक नगर जोशीमठ खतरे में हैं। वहीं जोशीमठ आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। बता दें सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय की एक टीम ने जोशीमठ का दौरा किया था और केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक टीम मंगलवार को जोशीमठ का दौरा करेगी।

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