न्यूज डेस्क
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ आपदा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव और इससे उत्पन्न स्थिति की जानकारी देकर आपदा राहत के लिए केंद्रीय सहायता देने का अनुरोध किया। गृहमंत्री ने आवश्यक मदद का आश्वासन दिया है।
Uttarakhand CM PS Dhami met Union Home Minister Amit Shah in Delhi today. He gave detailed information to HM about the land subsidence situation in Joshimath &requested central assistance for disaster relief. HM Shah assured of necessary help to affected people of Joshimath:CMO pic.twitter.com/w2WHa5FRQ2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 18, 2023
सामरिक तथा सांस्कृतिक व पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है जोशीमठ
मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री शाह को बताया कि जोशीमठ शहर चमोली जिले का तहसील मुख्यालय होने के साथ ही भगवान बद्रीनाथ जी का शीतकालीन निवास स्थान भी है। यह शहर देश के लिए सामरिक तथा सांस्कृतिक व पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के उपर बसा है। इस शहर का 25 प्रतिशत भू-भाग भू-धंसाव से प्रभावित हो चुका है। शहर की अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है।
We’re continuously monitoring the situation in Joshimath. We’re receiving all necessary co-operation from Central govt. PM Modi is reviewing the case regularly. Soon we’ll have the reports & arrange for rehabilitation of residents there:Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami in Delhi pic.twitter.com/SEhq6i2DXL
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 18, 2023
849 भवनों में चौड़ी दरारें
जोशीमठ पालिका क्षेत्र में दर्ज भवनों की संख्या लगभग 4500 है जिनमें 849 भवनों में चौड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। भू-धंसाव के कारण अस्थायी रूप से विस्तापित परिवारों की संख्या 250 हो चुकी है। जो लगातार बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से कराए गए विचार विमर्श के बाद प्रारंभिक रूप से यह सामने आया है कि क्षेत्र में वृहद पुनर्निमाण की आवश्यकता होगी। इसलिए राज्य सरकार ने पुनर्वास के लिए पांच स्थल चिन्हित किए हैं। जिनका भू-गर्भीय परीक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रभावितों की मदद को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
विशेषज्ञों की जांच रिपोर्ट तय करेगी जोशीमठ का भविष्य
जोशीमठ का भविष्य भू-धंसाव और दरारों के कारणों की जांच कर रहे विशेषज्ञों की जांच रिर्पोट तय करेगी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार की तरफ से मुख्य सचिव एसएस संधु ने सभी एजेंसियों के निदेशकों व वैज्ञानिकों को तत्काल अध्ययन कर समयबद्ध रिपोर्ट देने का आग्रह किया है। मुख्य सचिव द्वारा जोशीमठ में कार्यरत विभिन्न तकनीकी संस्थानों के निदेशकों तथा वैज्ञानिकों से यह भी अनुरोध किया गया है कि भू-धंसाव का अध्ययन रिपोर्ट एक दूसरे से साझा भी करें। अध्ययन रिपोर्टों में स्पष्टता के साथ ही समाधान की चर्चा की जाए।
प्रभावितों को पीपलकोटी में बसाने का विरोध शुरू
इस बीच जोशीमठ के विस्थापितों को पीपलकोटी के सेमलडाला मैदान में विस्थापित करने का विरोध शुरू हो गया है। बंड विकास संगठन ने विरोध में जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। संगठन के अध्यक्ष शंभू प्रसाद सती ने कहा कि मेललडाला मैदान में ही पीपलकोटी क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियां संचालित होती हैं। जिला व राज्य स्तर की खेल गतिविधियों का संचालन भी सेमलडाला मैदान में होता है लिहाजा यहां विस्थापितों को बसाया जाना उचित नहीं है।