रांची (बीरेंद्र कुमार):हेमंत सोरेन सरकार की नियोजन नीति के खिलाफ पूरे झारखंड में छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है।इसी क्रम में हजारीबाग के विद्यार्थियों ने जमकर बवाल काटा। यहां से छात्र-छात्राएं रांची जाकर विधानसभा का घेराव करना चाहते थे। लेकिन रामगढ़ जिला के पुलिस ने बसों में भरकर जा रहे छात्र-छात्राओं को आगे जाने से रोक दिया। इससे छात्र आक्रोशित हो गए और उन्होंने रामगढ़ जिला के मांडू थाना गेट के पास एन एच 33 पर जमकर बवाल काटा।राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और 3 घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किए रखा।
सरकार को गद्दी पर बैठने का नहीं है अधिकार
विधानसभा घेरने जा रहे छात्रों को रामगढ़ के पुलिस के द्वारा रोकने पर छात्र आक्रोशित हो गए और उन्होंने सड़क पर हंगामा करना शुरू कर दिया। कई छात्र बीच सड़क पर धरना पर बैठ गए और आवागमन को पूरी तरह से ठप कर दिया। छात्रों का कहना था कि सरकार सिर्फ खोखले दावे करती है, कोई भी ठोस नीति नहीं बनाती है। यही वजह है कि कोर्ट ने इनके विभेदकारी नियोजन कानून को रद्द कर दिया। इस स्थिति यहां के बेरोजगार रह रहे छात्रों के आगे भी बेरोजगार रहने की स्थिति बन गई है। इससे छात्र गुमराह हो रहे हैं। आक्रोशित छात्रों ने कहा कि सरकार पढ़े-लिखे युवकों से कह रही है कि वे मुर्गी , सूअर और गाय का पालन करें। ऐसे में युवाओं को रोजगार न दे पाने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गद्दी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है।
3 घंटे बाद पुलिस ने छात्रों के बसों को छोड़
मांडू पुलिस द्वारा छात्र-छात्राओं की ओर से किए जा रहे हंगामे की सूचना वरीय पुलिस पदाधिकारी को दी गई। सूचना मिलते ही एसडीपीओ किशोर कुमार रजक और सीओ जय कुमार राम घटनास्थल पर पहुंचे। 3 घंटे तक छात्रों को समझाने बुझाने के बाद छात्र बसों के छोड़े जाने की शर्त पर जाम हटाने के लिए राजी हुए। इसके बाद पुलिस ने इन छात्रों की गाड़ी को छोड़ दिया। इसके बाद हंगामा कर रहे सभी छात्र उस बस में सवार होकर चले गए। एसडीपीओ किशोर कुमार रजक ने बताया की पुलिस को इस बात की सूचना मिली थी कि स्थानीय नियोजन नीति रद्द होने के बाद छात्र विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे, इसलिए उन्हें रोका गया था बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।