रांची (बीरेंद्र कुमार): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केंद्र सरकार को राज्य में जारी अवैध खनन के सिलसिले में सूचना दी थी। इसमें अवैध खनन को राज्य के पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया गया है। ईडी की इस सूचना के बाद हुई उच्चस्तरीय बैठक में केंद्र सरकार ने झारखंड में चल रहे अवैध खनन का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है। अवैध खनन सर्वेक्षण का काम जल्द ही शुरू कराये जाने की संभावना है। सर्वेक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा।
क्या है ईडी के पत्र में ?
ईडी ने पिछले दिनों केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग की सचिव लीना नंदन को एक पत्र लिखा था। ईडी ने सचिव को लिखे पत्र में जिक्र किया है कि साहिबगंज में जारी अवैध खनन की जांच के दौरान उसे इस बात की जानकारी मिली कि झारखंड में अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध खनन हो रहा है। राज्य में सामान्य क्षेत्रों के अलावा वन क्षेत्र और जंगल-झाड़ के रूप में चिह्नित क्षेत्रों में भी अवैध खनन हो रहा है। कुछ लोग वन क्षेत्र में भी अवैध खनन कर रहे हैं। जिन लोगों को राज्य सरकार की ओर से लीज नहीं मिला है, वे भी अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध खनन कर रहे हैं। इसके अलावा लीजधारी भी अवैध खनन में शामिल हैं। लीजधारकों द्वारा लीज क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध खनन किया जा रहा है।
अवैध खनन से राजस्व की क्षति के साथ बढ़ रहा है प्राकृतिक असंतुलन
राज्य में इस तरह से बड़े पैमाने पर ही रहे अवैध खनन से राज्य को किसी तरह के राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। साथ ही पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। अवैध खनन से पर्यावरण को होनेवाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है। अवैध खनन की वजह से पहाड समतल हो गए हैं और जमीन बंजर होते चले जा रहे है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को टी बी से से भी ज्यादा खतरनाक सिलकोसीस नामक बीमारी होती है।
साहेबगंज कांड की तफसीस में ईडी को मिली थी अवैध खनन की जानकारी और इसके सबूत
विभागीय सचिव को लिखे गये पत्र में अवैध खनन की स्थिति की गंभीरता को बताने के लिए अवैध खनन के सहारे मनी लाउंड्रिंग की जांच के दौरान मिले तथ्यों का उल्लेख किया गया है। कहा गया है कि साहिबगंज में जांच के दौरान ईडी इस बात की जानकारी मिली कि राज्य में विभिन्न जिलों में अवैध खनन के सिलसिले में 100 से अधिक प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं। सिर्फ साहिबगंज जिले में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिल कर 19 अवैध खनन स्थलों की जांच में 23.26 करोड़ रुपये मूल्य का पत्थर निकाले जाने का आकलन किया गया। जिले के बरहरवा, साहिबगंज और बिहार के पिरपैंती रेलवे साइडिंग से अवैध खनन के सहारे निकाले गये 1350 करोड़ रुपये के मूल्य के पत्थर और स्टोन चिप्स का परिवहन किया गया।
सिर्फ साहिबगंज जिले से ही प्रति दिन औसतन 400 ट्रक अवैध पत्थर राज्य से बाहर भेजे जाते हैं। वन सचिव को लिखे गये पत्र में ईडी ने अवैध खनन के मामले में पंकज मिश्रा व अन्य को गिरफ्तार किये जाने और स्टीमर दुर्घटना की भी जानकारी दी है। इस मामले में राज्य के गृह विभाग ने पुलिस अधिकारी को अभी ईडी के सामने पेश नहीं होंने का निर्देश दिया है।