रांची (बीरेंद्र कुमार): झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार, झारखंड में नगर निकाय चुनाव को भी त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव की ही तरह बिना ओबीसी आरक्षण दिए ही संपन्न कराने सोच रही थी,लेकिन अब मामला अदालत में चले जाने से सरकार के इस प्रयास पर रोक लगना तय हो गया है।
क्या है मामला?
झारखंड सरकार ने यहां हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया था। तब भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था, लेकिन तब झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल टेस्ट के प्रक्रियाधीन होने का शपथ पत्र देकर पंचायत चुनाव करा लिया था। ऐसे में जब झारखंड की हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार ने नगर निकाय चुनाव भी, बिना ओबीसी को आरक्षण दिए ही कराने का मन बनाया तो गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सर्वोच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दायर कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण मामले में में झारखंड के मुख्य सचिव को दी नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में झारखंड में ओबीसी आरक्षण से जुड़े अवमाननावाद का यह मामला जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एसओझा की खंडपीठ में है। इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। इसमें यह कहा गया है कि एक तरफ झारखंड सरकार सर्वोच्च न्यायालय में यह कहती है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में दिए गए निर्णय का अनुपालन करेगी, वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार ओबीसी को आरक्षण दिए बगैर झारखंड में नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला लेती है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि झारखंड सरकार की मंशा ओबीसी के प्रति ठीक नहीं है और यह एक तरह से न्यायालय का अवमानना भी है।